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फेक न्यूज फैलाना पत्रकारिता नहीं : त्रिवेदी

छत्तीसगढ के पत्रकारों की स्वतंत्रता के लिए कांग्रेस सरकार प्रतिबध्द

रायपुर। फेक न्यूज ( Fake News)  फैलाना पत्रकारिता नहीं है। शनिवार को ये बातें प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कही। असल में वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ( Leader of Opposition) धरमलाल कौशिक के पत्रकारिता पर दिए उस बयान  उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि पत्रकारों (Journalist) पर होने वाली कार्यवाही का विरोध किया था।

फेक न्यूज फैलाने में भाजपा को महारत

संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि फेक न्यूज फैलाने में भाजपा को महारत हासिल है। ऐसे में जब भी फेक न्यूज पर कार्रवाई की बात होगी भाजपा को पीड़ा होगी ही।

पूरा प्रदेश समझता है ​नेता प्रतिपक्ष की पीड़ा

त्रिवेदी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की पीड़ा का कारण पूरा प्रदेश समझ रहा है। फर्जी खबरों, फोटाशॉप की विकृत तस्वीरों और झूठ की राजनीति करने वाली भाजपा के नेता को झूठी खबरों से पीड़ा होना स्वाभाविक है। इसलिए धरमलाल कौशिक जी को जरूर इससे खतरा महसूस हो रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मतदान की पूर्व संध्या पर किसानों का कर्जमाफ नहीं होगा। इस तरह की फेक न्यूज भाजपा ने ही फैलाई थी। फेक न्यूज की वैतरणी भारतीय राजनीति में बहाने का काम भाजपा ने ही किया है।

भूले नहीं हैं छत्तीसगढ के पत्रकार

भाजपा का 15 साल का कार्यकाल छत्तीसगढ़ के लोग और छत्तीसगढ़ के पत्रकार भूले नहीं हैं। पत्रकारों की नौकरी खाने, पत्रकारों के परिजनों की पत्नियों की नौकरी खाने, पत्रकारों पर एफआईआर, पत्रकारों की प्रताड़ना भारतीय जनता पार्टी का 15 साल का काला इतिहास रहा है। झूठी खबरों को फैलने से रोकने के लिए अफवाह को फैलने से रोकने का तो हर व्यक्ति स्वागत करेगा।

उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार जगत के स्वतंत्रता के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकार (Congress Government) प्रतिबद्ध है। कौशिक जी जरा भाजपा सरकार के 15 साल के पत्रकार विरोधी आचरण पर अपने गरेबांन झांक कर देखें। भाजपा शासनकाल में जनसंपर्क विभाग से मुख्यमंत्री के पुत्र का बयान बंटवाने और छपवाने वाली भाजपा कांग्रेस को उपदेश देने का काम न करे। एकात्म ( Ekatm Parisar) परिसर में अनिल जैन की पत्रकारवार्ता में जो कुछ भी हुआ, उसे छत्तीसगढ़ के पत्रकार भूले नहीं हैं। महीनों हेलमेट लगाकर कवरेज पर जाते थे।

 

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