बुनियादी सुविधाओं के मोहताज छात्रों ने विद्यालय का घेराव कर प्राचार्य को सौपा ज्ञापन
दिनेश गुप्ता, गीदम। शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय गीदम जो कि दक्षिण बस्तर अंचल के सबसे प्राचीन विद्यालयो में माना जाता है, जिसकी स्थापना सन् 1973 में हुई थी। जिसमे पढ़-लिख कर नगर के कई युवा आज प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित कर रहे है। परंतु आज नगर का यह प्राचीन विद्यालय कई बुनियादी सुविधाओं का मोहताज है और कई समस्याओं से जूझ रहा है।
विद्यालय की कई दीवारे व छत जर्जर स्थिति में है, बाउंड्रीवाल की स्थिति भी बहुत खराब है, जगह – जगह से टूट गई है। लेकिन उसकी मरम्मत पर किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने ध्यान तक नही दिया। विद्यालय के 12 वीं कक्षा में अध्ययन कर रहे छात्र राजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में पेयजल सुविधा, शौचालय की सुविधा, प्रायोगिक सामग्री व खेलकूद सामाग्री केवल नाममात्र की हैं। इन सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।
वहीं बारहवीं कक्षा में ही अध्ययनरत छात्र असलम खान ने जर्जर भवन के बारे में बताते हुए कहा कि विद्यालय के बहुत से भवनों की छतें व दीवारें सीलन की शिकार हो चुकी हैं, और उनकी स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है। उनके मरम्मत की आवश्यकता है। इस मामले में विद्यालय पहुंचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक विरेश मिश्रा ने कहा कि विद्यालय के बाउंड्रीवॉल की दशा बहुत ही खराब हो चुकी है। दीवार कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन को बाध्य
इस पूरे मामले में विद्यालय प्रशासन व स्थानीय प्रशासन की नींद नहीं खुली है, न ही नगर का कोई भी जनप्रतिनिधि इस मामले की ओर ध्यान नही दे रहा यह बहुत ही दुखद स्थिति है। यदि शीघ्र ही इन विषय की ओर ध्यान नही दिया जाता है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।
विद्यालय के घेराव पश्चात विद्यार्थीयों ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्रभारी प्राचार्य जितेन्द्र यादव को सौंपा। इस दौरान लक्ष्मीनाथ, अतुल गुप्ता, जोगेश्वर पुजारी, प्रसनजीत भावेश,प्रवीन,विनायक,विवेक कमल, सौरभ सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
इस संबंध में प्रभारी प्राचार्य जितेन्द्र यादव ने कहा कि विद्यार्थी की माँगे जायज है और उनकी मांगों को पूरा करते हुये शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार किया जायेगा।