बिजली कटौती पर फेसबुक पोस्ट मामले में सीएम बघेल बोले, वापस लेंगे राजद्रोह का केस
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने कहा है कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं। इस मामले में राजद्रोह का मुकदमा (sedition charges) नहीं दर्ज किया जाना चाहिये था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि युवक के खिलाफ राजद्रोह का केस वापस लिया जाएगा लेकिन उस पर अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) में बिजली कटौती को लेकर फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने के बाद एक युवक पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे हाल ही में युवक के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के बारे में खबर मिली। मैंने इस पर नाराजगी जताई, ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि किसी को भी अफवाहें फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इसके लिए अलग कानून हैं, जिनके आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए।
बघेल ने कहा कि हर किसी को अभिव्यक्ति की आजादी है। यदि कोई अपनी राय जाहिर करता है तो उसके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा नहीं दर्ज किया जाना चाहिए। ऐसा हमारे घोषणा पत्र में भी था कि हम केंद्र की सत्ता में आने पर धारा-124ए (Sec 124A) को खत्म करेंगे। इसके साथ ही बघेल ने राज्य के लोगों को भी नसीहत देते हुए कहा कि वे अभिव्यक्ति के दौरान संयम बरतें।
बिजली कटौती से परेशान लोग
दरअसल, बिजली कटौती से परेशान लोग इस बारे में अपनी अभिव्यक्ति टिप्पणियों और वीडियो के माध्यम से जाहिर कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे अपने खिलाफ दुष्प्रचार मान रही है। पिछले दो दिनों के दौरान ऐसे दो मामलें सामने आएं हैं, जिसमें दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन दो में से एक व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। यह व्यक्ति राजनांदगांव का निवासी है। पुलिस ने इसे गिरफ्तार भी कर लिया है।
इसके अलावा महासमुंद में एक व्यक्ति के खिलाफ बिजली कटौती की अफवाह फैलाने को लेकर रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस शख्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था कि जिले के 40 गांवों में कई घंटों से बिजली नहीं है। राजनांदगांव के रहने वाले शख्स ने अपनी फेसबुक पोस्ट में सरकार पर आरोप लगाया था कि इन्वर्टर कंपनियों को व्यापारिक फायदा पहुंचाने के मकसद से राज्य में बिजली कटौती हो रही है। पोस्ट के वायरल होते ही व्यक्ति पर राजद्रोह की धाराओं में केस दर्ज हुआ था।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को सरप्लस पावर स्टेट कहा जाता है। राज्य में इस तरह से बिजली कटौती लोगों को रास नहीं आ रहा है। दूसरी तरफ राज्य की बिजली कंपनी का दावा है कि सबकुछ ठीक है। पिछले दिनों सीएम भूपेश बघेल ने 20 इंजीनियरों को बिजली कटौती का दोषी मानते हुए उनके निलंबन का आदेश दिया था। इसके बाद भी स्थिति में सुधार देखने को नहीं मिली है।