हिंसा के बाद लेह में कर्फ्यू जारी, 50 लोग हिरासत में; शांति बहाली के प्रयास तेज
लद्दाख को राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को लेह में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।

लेह, लद्दाख: लद्दाख को राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को लेह में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराया, जिसके दौरान हिंसा में शामिल होने के आरोप में कम से कम 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
घटना और प्रशासन की कार्रवाई

बुधवार को हुई व्यापक झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिसके बाद शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और कई वाहनों को आग लगा दी थी, और ‘हिल काउंसिल’ मुख्यालय में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में तीन नेपाल के नागरिक हैं और इस बात की जांच की जा रही है कि क्या हिंसा के पीछे कोई विदेशी हाथ है।
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने तोड़ी भूख हड़ताल
हिंसा भड़कने के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिन से चल रही अपनी भूख हड़ताल को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि दो प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जो संभवतः हिंसक विरोध का तात्कालिक कारण बना। वांगचुक ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इससे शांतिपूर्ण आंदोलन को नुकसान पहुँचा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने आरोप लगाया है कि हिंसा वांगचुक के “भड़काऊ बयानों” के कारण भड़की। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सरकार लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। लद्दाख के उप-राज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने भी घटना को “हृदय विदारक” बताते हुए कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश का परिणाम था। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने के अधिकार पर जोर दिया।
अन्य शहरों में भी प्रतिबंध
लेह के अलावा, कारगिल सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कारगिल के जिला मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है।
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) पिछले चार वर्षों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। दोनों समूहों और केंद्र सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत 6 अक्टूबर को होनी तय है।




