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नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, नान मामले की SIT पर साक्ष्य से छेड़खानी का आरोप

रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर नान मामले में गठित एसआईटी की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।

नेता प्रतिपक्ष ने पत्र में कहा है कि नान मामले में, जिसमें विशेष न्यायालय रायपुर में पूर्व से ही सुनवाई चल रही है। राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी द्वारा अवैध रूप से की जा रही जांच संबंधी खबरें प्रतिदिन मीडिया द्वारा प्रकाशित की जा रही हैं।

SIT द्वारा साक्ष्य से छेड़खानी

इस कड़ी में अंतिम समाचार 20 फरवरी 2019 को भी प्रकाशित किया गया है। इन मीडिया समाचारों से इंगित होता है कि एसआईटी द्वारा ट्रायल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य से छेड़खानी की जा रही है।

इस विषय में मीडिया में समय-समय पर प्रकाशित समाचार की फोटो प्रक्रिया एक प्रति संलग्न करते हुए कहा कि राज्य शासन की पूर्ण जानकारी में है कि पुर्न विवेचना की उपरोक्त वर्णित कार्यवाही रद्द होने के कारण इसे मेरे द्वारा एक लोकहित याचिका के माध्यम से माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय रायपुर के समक्ष चुनौती दी गई है।

राज्य शासन की जानकारी में यह भी है कि उक्त लोकहित याचिका क्रमांक 10/2019 की सुनवाई माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा की जा रही है जिसमें सुनवाई की अगली तारीख 1 मार्च 2019 नियत है। राज्य शासन को यह जानकारी है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मेरी लोक हिल याचिका में अंतरिम व्यवस्था आदेशित की गई है।

वहीं कौशिक ने अपने पत्र में कहा है कि मैं यह बताना आवश्यक समझता हूं कि यदि एसआईटी न्यायालय द्वारा आदेश व्यवस्था की अनदेखी कर इसी प्रकार कार्य करती रहती है तो मुझे माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पुनः न्यायालय की मानहानि की याचिका सहित युक्तियुक्त याचिका लगाने हेतु विचार करना पड़ेगा।

मुझे आशा और विश्वास है कि आप स्वयं एसआईटी को कानून का सम्मान करने और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने के संबंध में निर्देशित करेंगे।

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