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कमलनाथ का हाथ छोड़ कमल के साथ जाने को तैयार ज्योतिरादित्य सिंधिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री बनाए जा सकते हैं


नई दिल्ली/भोपाल।   मध्यप्रदेश का सियासी संकट गहरा होता जा रहा है । ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiradity Sindhiya) मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chiefminister Kamalnath) का हाथ छोड़कर कमल के साथ जाने को तैयार है। यही कारण है की कमलनाथ से मिलने से भी उन्होंने इनकार कर दिया। इसकी औपचारिक घोषणा कभी भी हो सकती है।

21 विधायक है सिंधिया के साथ

बताया जा रहा है कि उनके साथ कुल 21 विधायक हैं । वहीं खबर यह भी आ रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा।  इसे लेकर तमाम सियासी तैयारियां हो चुकी है । मंगलवार को माधवराव सिंधिया  का जन्मदिन है आज के दिन ही ज्योतिरादित्य सिंधिया कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। उधर भाजपा ने पूरे मामले से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि यह कांग्रेसका अंदरूनी मामला है ।उधर कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी नाराज बताए जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस वक्तत प्रधानमंत्री  मोदी (Primeminister Narendra Modi)  के साथ उनकी मुलाकात चल रही है।

editorjee  की टीम ने इस घटना पर बारीकी से नजर रखी और आइए जानते हैं कि क्या क्या रहा पूरा घटनाक्रम।

 कमलनाथ से मिलने से किया इनकार

मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम का खुलासा होते ही सिंधिया को मनाने के लिए सचिन पायलट को भेजा गया। मिलिंद देवड़ा से भी बात कराई गई। बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने भी सिंधिया से मिलने की पेशकश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। सिंधिया ने खेमे के मंत्रियों के साथ मीटिंग कर आगे की रणनीति तय की। इसी में हुए फैसले के आधार पर विधायकों की संख्या बढ़ाई गई। सूत्रों का दावा है कि उनके साथ 21 विधायक हैं।

 दिल्ली में नहीं निकला  हल

इधर, जब दिल्ली में कोई हल नहीं निकला तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कमलनाथ को भोपाल जाकर हल ढूंढने के निर्देश दिए। आज माधवराव सिंधिया की 75वीं जयंती है। इस मौके पर ज्योतिरादित्य बड़ा ऐलान कर सकते हैं। सम्भव है कि वो बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।

उधर कमलनाथ कल आनन फानन  तीन दिन का दौरा एक दिन में ही खत्म कर विवेक तन्खा को लेकर भोपाल लौट आए। दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, सुरेश पचौरी को बुलाया। कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। सज्जन सिंह वर्मा ने सुझाव दिया कि सभी मंत्री इस्तीफे दें, ताकि नाराज विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का मौका मिले। मंत्रियों ने अपने इस्तीफे दे दिए, लेकिन कमलनाथ ने कहा इन पर कल फैसला लेंगे। इस बीच दिल्ली में अहमद पटेल ने भी सिंधिया से बात की। हालांकि सिंधिया बहुत आगे बढ़ चुके थे, जिससे वापस लौटने की गुंजाइश नहीं है।

बड़ौदा राजपरिवार ने की सिंधिया और मोदी के बीच मध्यस्थता

कमलनाथ सरकार के खिलाफ संघर्ष की पहली कोशिश नरोत्तम मिश्रा ने की थी, जब वह असफल हो गई तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री ने सारे सूत्र संभाले और बगावत का दूसरा अध्याय शुरू हुआ। रणनीति बनाने के लिए सोमवार को अमित शाह के घर बैठक हुई। इसमें जेपी नड्‌डा, शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए। उधर, दिनभर मोदी और सिंधिया के बीच मुलाकात की खबर चलती रही, लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी मुलाकात पहले ही हो चुकी है।

प्रधानमंत्री और सिंधिया के बीच मध्यस्थता सिंधिया के ससुराल पक्ष से बड़ौदा राजपरिवार की महारानी ने की। उन्होंने ही सिंधिया को भाजपा से संपर्क के लिए तैयार किया। उधर, प्रधानमंत्री ने सिंधिया से बातचीत का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा, क्योंकि ग्वालियर-चंबल के नेताओं में सिंधिया को लेकर अजीब सा पसोपेश रहता है। बताते हैं कि तीन दिन पहले मीटिंग के लिए सिंधिया तोमर के घर भी जा चुके हैं। वहीं आगे की रणनीति पर उनकी बातचीत हुई थी।

जो सही कांग्रेसी, वो कांग्रेस में रहेगा
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य से संपर्क की कोशिश हो रही है। बताया गया है कि उन्हें स्वाइन फ्लू है। जो सही में कांग्रेसी है, वो कांग्रेस में ही रहेगा।

सरकार को ले डूबेंगे उसके पाप
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा जनता को छलने में लगी सरकार को जनता माफ नहीं करेगी। सरकार को उसके पाप ले डूबंगे। सरकार बताए : ये धोखेबाजी कब तक करती रहेगी।

सियासी संकट के मूवर्स एंड शेकर्स

कांग्रेस के 9 रणनीतिकारों ने सरकार बचाने निकाला रास्ता

दिग्विजय सिंह: संकट का आभास सबसे पहले इन्हें हुआ।  रणनीतियां बनाने में माहिर। कमलनाथ इनसे पूछे बिना कोई कदम नहीं उठा रहे। आरके मिगलानी:   परिवार में हुई त्रासदी के बाद भी डटकर खड़े है। रणनीति को अंजाम पहुंचाने में माहिर। विधायकों से सीधे बात कर रहे हैं। विवेक तन्खा:  कानूनी व संवैधानिक मामलों के जानकार। सरकार की हर रणनीति को परखकर अपने सुझाव दे रहे हैं।

इनके अलावा सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, सुरेंद्र वर्मा, पीसी शर्मा और बाला बच्चन सरकार की रणनीति को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।

भाजपा : ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की इनकी रणनीति

जेपी नड्‌डा:  भाजपा अध्यक्ष ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर धर्मेंद्र प्रधान को आगे किया। नरेंद्र सिंह तोमर के निवास पर हुई हर बैठक वे शामिल रहे। शिवराज सिंह चौहान: का‌ंग्रेस विधायकों से संपर्क के लिए रामपाल सिंह,  रमाकांत भार्गव को एक्टिव किया। अरविंद भदौरिया को संगठन ने लगाया। नरेन्द्र सिंह तोमर: सारी रणनीति का केंद्र नरेंद्र सिंह तोमर का निवास रहा। हालांकि सोमवार की बैठक प्रधान के घर पर हुई।

वी डी शर्मा, विनय सहस्त्रबुद्धे, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, आशुतोष तिवारी,  रमाकांत भार्गव तथा कुछ अन्य नेता ऑपरेशन को डील कर रहे है।<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”und” dir=”ltr”><a href=”https://t.co/DWSKdYO0jG”>pic.twitter.com/DWSKdYO0jG</a></p>&mdash; Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) <a href=”https://twitter.com/JM_Scindia/status/1237266942961967104?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 10, 2020</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

 

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