विश्व आदिवासी दिवस का विरोध कर रहे हैं जशपुर के हिंदु आदिवासी
रायपुर, 9 अगस्त। आज विश्व आदिवासी दिवस है। आदिवासियों की हितों की रक्षा और उनका जीवन स्तर उपर उठाते हुए हर तरह की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देष्य से यह दिवस मनाया जाता है। लेकिन इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी आज विरोध प्रदर्षन कर रहे हैं। जशपुर के हिंदु आदिवासयों ने विश्व आदिवासी दिवस का विरोध शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस भारतीय जनजाति समाज को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहा है।
वहीं अखिल भारतीय जनजातीय सुरक्षा मंच ने होने जा रहे इसके आयोजन पर रोक लगाए जाने की मांग की है। मंच के लोगों ने इस संबंध में छतीसगढ़ के राज्यपाल को अपना ज्ञानप सौंपा है। अपने आवेदन में उन्होंने जशपुर में 9 अगस्त को आयोजित हो रहे विश्व आदिवासी दिवस को रोके जाने की मांग की है।
जनजातीय सुरक्षा मंच, जशपुर के सचिव लालदेव भगत का कहना है कि भारत में इसे मूल आदिवसी दिवस के रुप में जाना जाता है। जषुपर के आदिवासियों ने कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में बताया है कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी संख्या में जनजाति समुदाय के लोगों को षड्यंत्र पूर्वक ईसाई धर्म में धर्मान्तरित कराया जा रहा है, जिससे उनके अपने ही जनजातीय समाज के बीच संघर्ष की स्थिति निर्मित हो गई है। यदि समय रहते इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में आदिवासी जनजातीय ईसाई धर्म में परिवर्तित हो जाएगा।
जनजातीय सुरक्षा मंच, जशपुर के सचिव लालदेव भगत का कहना है कि भारत में इसे मूल आदिवसी दिवस के रुप में जाना जाता है। जषुपर के आदिवासियों ने कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में बताया है कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी संख्या में जनजाति समुदाय के लोगों को षड्यंत्र पूर्वक ईसाई धर्म में धर्मान्तरित कराया जा रहा है, जिससे उनके अपने ही जनजातीय समाज के बीच संघर्ष की स्थिति निर्मित हो गई है। यदि समय रहते इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में आदिवासी जनजातीय ईसाई धर्म में परिवर्तित हो जाएगा।