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जानिए अब कितने घंटे ज्यादा रोज करना होगा काम, ओवर टाइम भी मिलेगा। आ गया ओएसएच कोड

ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है।

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने एक दिन में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव दिया है। पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति (ओएसएच) कोड 2020 के तहत तैयार नियमों के ड्राफ्ट में यह प्रावधान पेश किया गया है, जिसमें काम के दौरान दिए गए इंटरवल को भी कामकाज के घंटों का हिस्सा माना गया है। ओएसएच कोड को इसी साल संसद ने मंजूरी दी थी।

हालांकि कामकाज के घंटे बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का आने वाले दिनों में भारी विरोध हो सकता है, क्योंकि संसद की तरफ से मंजूर किए गए ओएसएच कोड में एक दिन में कामकाज के अधिकतम 8 घंटे तय किए गए थे।
इसी विरोध से बचने के लिए श्रम मंत्रालय ने 19 नवंबर को जारी ड्राफ्ट नियमों की अधिसूचना में अधिकतम साप्ताहिक कामकाज की सीमा 48 घंटे तय की गई है। इस स्थिति में एक साप्ताहिक अवकाश के अतिरिक्त शेष छह दिन में अधिकतम कामकाज 8 घंटा प्रतिदिन ही बैठता है। यह नया लेबर कोड देश में मौजूदा 13 केंद्रीय श्रम कानूनों की जगह लेगा।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश के विभिन्न हिस्सों में जलवायु परिस्थतियों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ते के जरिये अतिरिक्त कमाई करने की भी अनुमति मिलेगी।

उन्होंने कहा, हमने ड्राफ्ट नियमों में इस बात के पर्याप्त प्रावधान किए हैं, जिससे 8 घंटे से ज्यादा काम के लिए श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।

ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है।

ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।

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