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पीएम मोदी के शपथग्रहण में नहीं मिला इमरान खान को न्योता तो ये बोला पाकिस्तान

नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को न्योता न देने को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत की ‘अंदरूनी राजनीति’ करार दिया है. कुरैशी ने कहा है कि इमरान को न बुलाना भारत की मजबूरी है और मोदी की पूरी राजनीति ही पाकिस्तान की आलोचना पर आधारित रही है, ऐसे में न्योते का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.

क्या बोला पाकिस्तान?

पाकिस्तानी अंग्रेजी अखबार डॉन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शाह ने कहा, ‘उनका (मोदी का) चुनावों के दौरान पूरा फोकस पाकिस्तान की आलोचना पर ही रहा था. ऐसा सोचना बेफकूफी है कि वो अपनी इस नीतिगत सोच को जल्दी बदलने वाले हैं.’ बता दें कि इससे पहले न्यूज़ एजेंसी ने खबर चलाई थी कि इमरान खान को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण में न बुलाए जाने का फैसला लिया जा चुका है.

जियो टीवी से बातचीत में कुरैशी ने कहा कि इमरान ने पीएम मोदी को फोन कर बधाई दी, इसमें कुछ नया नहीं है. बीते साल जब इमरान खान ने पाकिस्तान में चुनाव जीता था तो मोदी ने भी फोन पर और बाद में एक ख़त लिखकर उन्हें बधाई दी थी. इमरान ने जो किया वो भी सिर्फ एक सद्भावना संदेश ही था.

‘शपथग्रहण में जाना ज़रूरी नहीं’

कुरैशी ने कहा कि शपथग्रहण समारोह में जाना कोई मुद्दा नहीं है, बेहतर है कि कश्मीर, सियाचिन और सर क्रीक जैसे विवादों पर कोई बातचीत आगे बढ़ें. ज़रूरी है कि बातचीत शुरू करने का कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा कि अगर मोदी दक्षिण एशिया में विकास चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान के साथ मिलकर बातचीत से इन मुद्दों का हल निकालना होगा. पाकिस्तान के लिए भी मुफीद है कि सीमा पर शांति बनी रहे. कुरैशी ने ये भी दावा किया कि अब दुनिया जानती है कि पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं था.

भारत ने किस-किस को बुलाया

आने वाली 30 मई को राष्ट्रपति भवन में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. साल 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के चीफ को बुलाया गया था. उस दौरान पाकिस्तानी पीएम नवाज़ शरीफ ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया था. इस बार भारत ने BIMSTEC देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है.

BIMSTEC देशों में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. बता दें कि ये सभी भारत के वो पड़ोसी देश हैं जो कि बंगाल की खाड़ी से सटे हुए हैं. चीन के इलाके में बढ़ते प्रभाव, आतंकवाद और दक्षिण एशिया में भारत की मजबूती के लिए ये सभी देश काफी अहम साबित हो सकते हैं. बिम्सटेक के अलावा मॉरीशस के प्रधानमंत्री, चेक रिपब्लिक के प्रमुख को भी बुलाया गया है. बता दें कि प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में भी इन दोनों नेताओं को बुलाया गया था. हालांकि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी बल्कि उनकी जगह उनके मंत्री मोजम्मल हक शामिल होने वाले हैं.


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