लंबे समय से मलाईदार विभागों में जमे बाबुओं के विभागों में फेरबदल
दिनेश गुप्ता, दंतेवाड़ा। कलेक्टर तोपेश्वर वर्मा ने लंबे समय से मलाईदार विभागों में जमे बाबुओं के विभागों में फेरबदल कर बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है। बहुत समय से इस तरह की कार्रवाई का लोग भी इतंजार कर रहे थे।
बुधवार की दोपहर जैसे ही यह आदेश जारी हुआ पूरे कलेक्टोरेट में गहमा-गहमी का माहौल दिखने लगा। किसी के चेहरे पर मायूसी थी तो कहीं खुशी। कुछ बाबुओं की हालत तो ऐसी दिख रही थी, की काँटो तो खून तक नहीं निकले।
ऐसा होना भी स्वाभाविक है, जिस मलाईदार शाखा में रहते हुए अपनी तनख्वाह छूना भी ना पड़े, ऐसे विभाग से हटाए जाने पर दुःख तो होगा ही। कुछ बाबुओं को तो आदेश जारी होने के बाद नेताओं के बंगले झांकते भी देखा गया है।
जिला निर्माण समिति (डीएमएफ शाखा) हमेशा से अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में रहा है। निर्माण समिति से ही दंतेवाड़ा के सारे विकास कार्यों के लिए निविदा एवम कार्य का भुगतान किया जाता है।
इस शाखा में बिल भुगतान को लेकर पैसा नहीं देने पर फाइल दबाने की बात सामने आ रही थी। दंतेवाड़ा के कई ठेकेदारो ने इस बात की शिकायत तत्कालीन कलेक्टर से की भी थी, मगर कार्रवाई ना होता देखे वह भी बाबुओं को चढ़ावा चढ़ाने में लग गए थे।
आदेश जारी होते ही कहीं खुशी कहीं गम का नजारा
वर्तमान कलेक्टर ने इतने बड़े स्तर पर फ़ेरबदल की कार्रवाई कर उन बाबुओं को चेता दिया है, जो चमचागिरी करने में आगे और काम में पीछे रहते हैं, उनकी अब खैर नहीं।
इस कार्रवाई के बाद अब उन अधिकारी-कर्मचारियों को कार्रवाई का डर सता रहा है, जो बरसों से अपने मूल विभाग को छोड़कर अटैच होकर जिला मुख्यालय में कब्जा जमाए हुए है। कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिनका मूल विभाग तो अंदरूनी इलाकों में हैं, लेकिन अपनी पहुँच का फायदा उठाकर वर्षों से मुख्यालय में कुर्सी तोड़ रहे हैं।
इस फेरबदल की नगर में शाम तक चर्चा होती रही। जहां लोग एक तरफ कलेक्टर श्री वर्मा की तारीफ करते नजर आए वहीं लोगों का कहना था कि अब सरकार नई है, अपने हिसाब से अपने कर्मचारियों को रखेगी।
बहरहाल जो भी हो मगर इस फ़ेरबदल की कार्रवाई से देखने वाली बात यह होगी कि आम जनों को इसका कितना फायदा मिलेगा और वर्षो से अपनी जेबें गर्म कर रहे बाबू कितनी ईमानदारी से काम करेंगे।