वन विभाग सूचना अधिकार अधिनियम की उड़ा रहा धज्जियां, भ्रष्टाचार को छिपाने आवेदक को नही दे रहे जानकारी
दिनेश गुप्ता, बीजापुर। जिले में वन विभाग द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सरकारी खजानों पर लीपापोती कर हाथ साफ करने वाले मद्देड रेंज के विभागीय अधिकारी से जब आवेदक ईश्वर सोनी ने वित्त वर्ष 2018 -2019 के योजनाओं की जानकारी एवं आय-व्यय का ब्यौरा मांगा तो सबंधित अधिकारी ने आवेदन में सभी योजनाओं की जानकारी एक साथ देने से इनकार करते हुए सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दिए गए आवेदन को 25 दिनों बाद निरस्त कर दिया।
जिस पर आवेदक ईश्वर सोनी ने पुनः अलग-अलग आवेदन देकर जानकारी मांगी तब विभाग ने 30 दिन निकलने के बाद भी कोई जानकारी नही दी। इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी जानबूझकर अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों का उलंघन कर रहे हैं।
जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी शासकीय संस्था से किसी भी प्रकार की जानकारी धारा 6(1) के आवेदन के तहत निर्धारित 30 दिवसों में सम्बंधित विभाग में नियुक्त लोकसूचना या सहायक लोकसूचना अधिकारी को आवेदन कर प्राप्त कर सकता है और निर्धारित समय अवधि में जानकारी न मिलने या अपूर्ण जानकारी मिलने पर धारा 19(1) के तहत सम्बंधित प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन कर सकता है
दुर्भाग्यवश सूचना के अधिकार अधिनियमों के प्रावधानों के तहत वन विभाग के मद्देड में अधिनियम का घोर उल्लंघन जन सूचना अधिकारी द्वारा किया जा रहा है।