BREAKING : मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत, रखी ये दो शर्तें
नई दिल्ली। ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। जुबैर को जमानत देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को नोटिस देकर जवाब मांगा है। जुबैर को उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज केस को लेकर गिरफ्तार किया था।
मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज मामले में मोहम्मद जुबैर को जमानत दे दी। इस दौरान जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने यूपी सरकार और पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा कि जुबैर को शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जा रही है। जुबैर न्यायिक क्षेत्र से बाहर नहीं जा पाएंगे। साथ ही मामले में फैसला होने तक जुबैर कोई ट्वीट नहीं करेंगे। उधर, तुषार मेहता ने गुजारिश की कि अंतरिम आदेश को सोमवार तक टाल दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया।
बता दें, मोहम्मद जुबैर ने अपनी जान को खतरा बताते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में जुबैर ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13 जून को जुबैर की एक रिट याचिका खारिज कर दी थी।
जुबैर की ओर से सीनियर वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि यूपी पुलिस की ओर से उनके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज एफआईआर से पता चलता है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। गोंजाल्विस ने कहा कि उनका काम समाचारों को सत्यापित करना है, और वह नफरत फैलाने वाले भाषणों की तथ्य-जांच करने की भूमिका निभा रहे थे। हम इलाहाबाद हाईकोर्ट गए, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
मोहम्मद जुबैर पर यह मामला है दर्ज
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। जुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने एक हिंदू देवता के खिलाफ 2018 में पोस्ट किए गए एक भड़काऊ ट्वीट से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं 1 जून को उत्तर प्रदेश पुलिस ने जुबैर के खिलाफ हिंदू संतों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज की थी।