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अघोषित कटौती और बिजली की लुका छिपी से भीषण गर्मी में जनता परेशान, विभाग की घोर लापरवाही उजागर

रायपुर। राजधानी समेत राज्य के ज्यादातर हिस्सों में लोग बिजली गुल होने से परेशान हैं। बीते तीन-चार महीनों से यह स्थिति बनी हुई है। देखा यह भी जा रहा है कि ज्यादातर जगहों पर स्ट्रीट लाइटें बंद रहती हैं, और किसी भी समय बिजली गुल हो जाने से इतनी भीषण गर्मी में लोगों की परेशानी हो रही है।

छत्तीसगढ़ में तापमान 44 डिग्री के पार पहुंचने लगा है। ऐसे में बिजली की मांग 4300 मेगावॉट से ज्यादा बढ़ गई है। इसकी तुलना में राज्य की सरकारी वितरण कंपनी के पास 4400 मेगावॉट से अधिक बिजली उपलब्ध है। स्पष्ट है कि राज्य में मांग की तुलना में बिजली की उपलब्धता अधिक है।

सरकार को इसमें साजिश नजर आ रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रबंधन इसकी जांच करा रहा है। वहीं, कंपनी के इंजीनियर इसके लिए मौसम को जिम्मेदार बता रहे हैं। वहीं, इंजीनियरों का कहना है कि मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग की कमी के कारण हालात ज्यादा बिगड़ रहे हैं। कंपनी के कॉल सेंटर के फोन लगातार घनघना रहे थे। प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली गुल होने की शिकायतें आ रही थीं।

सरकार बदलते ही शुरू हुई समस्या

छत्तीसगढ़ में करीब पांच महीने पहले कांग्रेस सत्ता में आई है। इसके बाद से ही बिजली कटने की समस्या बढ़ी है। यही वजह है कि सरकार को इसमें साजिश नजर आ रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करीब सप्ताहभर पहले इसकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर बिजली कंपनियों के अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला जांच का आदेश जारी कर दिया है।

बिजली गुल होने को लेकर बिजली कंपनी के इंजीनियरों और मैदानी अमले की राय थोड़ी अलग है। उनका कहना है कि मेंटेनेंस का लगभग पूरा काम आउसोर्सिंग पर चल रहा है। सरकारी अमला न के बराबर है। इससे न तो मेंटेनेंस का काम सही तरीके से हो रहा है और नही मॉनिटरिंग ही हो पा रही है। इसी वजह से बार-बार सड डाउन हो रहा है।

इन सबके अलावा लोगों का यह भी कहना है कि सरकार ने बिजली बिल हाफ करने की बात कही है, अगर ऐसे ही बिजली गुल रही तो अपने आप ही बिजली बिल हाफ हो जाएगा। वहीं स्ट्रीट लाइट बंद करके और अघोषित कटौती करके बिजली की बचत की जा रही है और उस बिजली को दूसरे राज्यों को बेंचकर राजस्व घाटा कम किया जाएगा जिसके एवज में जनता को हाफ रेट में बिजली दी जाएगी।

मौसम की पड़ रही मार


गर्मी के बीच, तेज हवा और बौछारें भी पड़ी हैं। अफसरों के अनुसार खराब मौसम आकाशीय बिजली गिरने, पेड़ गिरने जैसी दिअघोषित कटौती और बिजली की लुका छिपी से भीषण गर्मी में जनता परेशान, विभाग की घोर लापरवाही उजागरक्कतों की वजह से ऐहतियातन तकनीकी रूप से बिजली काटी जाती है ताकि कोई बड़ा नुकसान न हो। ऐसी स्थिति में बिजली पुनः बहाल करने में कहीं-कहीं 5 मिनट, तो कहीं 10 से 15 मिनट का वक्त लगता है। तेज हवा के दौरान फ्लैक्स और बैनर की वजह से भी बिजली व्यवस्था प्रभावित होती है।

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