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नक्सलियों ने बिछाए थे लैंड माइन्स, ‘आसमानी ताकत’ ने बचा ली जवानों की जान

अंबिकापुर। झारखंड सरहद से लगे नक्सल प्रभावित पुंदाग के नजदीक मुख्यमार्ग में शुक्रवार की शाम एक के बाद एक लगभग 40 लैंड माइंस ब्लास्ट से इलाका दहल गया। जिस दौरान पुंदाग के नजदीक एक के बाद एक लैंड माइंस ब्लास्ट हो रहे थे, ठीक उसी समय पुंदाग से आगे झारखंड के गढ़वा जिला क्षेत्र में लगभग 18 लैंड माइंस ब्लास्ट हुए।

माना जा रहा है कि सारे लैंड माइंस पहले ही बिछाए गए थे। आकाशीय बिजली गिरने से लैंड माइंस के चार्ज होकर ब्लास्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि घटना के वक्त न तो इलाके में फोर्स का मूवमेंट था और न ही नक्सलियों के खिलाफ कोई आपरेशन ही चलाया जा रहा था। नक्सलियों की मंशा फोर्स को नुकसान पहुंचाने की रही होगी। क्षेत्र में भारी बारिश व सुरक्षागत कारणों से फोर्स वहां तक नहीं पहुंच सकी है। एंटी लैंड माइंस के साथ तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को क्षेत्र में भेजने की तैयारी है।

झारखंड सरहद से लगे नक्सल प्रभावित चुनचुना-पुंदाग क्षेत्र में शुक्रवार की शाम तेज गरज-चमक के साथ बारिश हो रही थी। उसी दौरान एक के बाद एक सीरियल धमाके की आवाज ग्रामीणों ने सुनी। ठीक उसी वक्त पुंदाग से आगे झारखंड के सीमा क्षेत्र में भी ब्लास्ट हुए। कुल मिलाकर 56 से अधिक लैंड माइंस ब्लास्ट होने की जानकारी देर शाम को ही पुलिस को मिल गई थी, लेकिन दूरूह इलाका होने से रात में पुलिस क्षेत्र की सर्चिंग में नहीं पहुंच सकी। शनिवार सुबह ग्रामीणों की ओर से और पुख्ता जानकारी दी गई, लेकिन लगातार बारिश व सुरक्षागत कारणों को देखते हुए पुलिस टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकी थी।

ग्रामीणों की ओर से जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक जहां लैंड माइंस ब्लास्ट हुआ, वहां एक से डेढ़ फीट गढ्ढा हो गया है। मौसम खराब रहने से ग्रामीणों की आवाजाही भी बंद थी। ऐसे में अनुमान है कि नक्सलियों द्वारा ये ब्लास्ट नहीं किए गए हैं। पूर्व में ही सभी लैंड माइंस सीरिज में लगाए गए होंगे,जो तेज लाइटनिंग में चार्ज होकर ब्लास्ट हो गए। जब तक पुलिस की विशेषज्ञों और तकनीकी टीम मौके पर पहुंचकर जांच नहीं कर लेती, तबतक पुलिस भी स्पष्ट तौर पर मामले में कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों की ओर से सूचना मिली है। उसी सूचना के आधार पर तकनीकी टीम को भेजा जा रहा है।

चुनाव के दौरान लैंड माइंस लगाने की आशंका

झारखंड सरहद से लगा चुनचुना-पुंदाग लंबे समय से नक्सलियों की शरणस्थली के रूप में चर्चित रहा है। लंबे समय बाद सीरियल लैंड माइंस ब्लास्ट से इलाके में भय का माहौल निर्मित हो गया है। अनुमान है कि लोकसभा चुनाव के दौरान फोर्स को निशाना बनाने की मंशा से संभवतः नक्सलियों द्वारा पुंदाग के नजदीक सड़क पर लैंड माइंस बिछाए गए थे। विधानसभा चुनाव में मतदानकर्मियों को हेलीकाप्टर से चुनाव कराने भेजा गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षागत कारणों से चुनचुना व पुंदाग के मतदान केंद्र को बंदरचुआ में शिफ्ट करा दिया गया था।

पहले भी हो चुकी घटना

शुक्रवार को पुंदाग माध्यमिक शाला से दक्षिण दिशा में करीब 500 मीटर की दूरी पर चुड़ैल ढोंड़ा नामक स्थान में लैंड माइंस ब्लास्ट हुए। इसके पहले भी चुनचुना-पुंदाग क्षेत्र में लैंड माइंस ब्लास्ट होने की घटनाएं हो चुकी हैं। सड़क किनारे जंगल मे माओवादियों द्वारा बिछाए गए आईडी के चपेट में आने से एक चरवाहा सहित आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की भी मौत पूर्व में हो चुकी है।

अलर्ट पर पुलिस

लैंड माइंस ब्लास्ट होने के बाद से चुनचुना-पुंदाग क्षेत्र में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। घटना के बाद सामरी पुलिस के साथ सामरी, सबाग व बंदरचुआ में तैनात सीआरपीएफ के जवान अलर्ट हो गए हैं। यहां सुरक्षा की दृष्टि से एक एंटी लैंड माइंस वाहन भी भेजा गया है। घटना की जानकारी मिलते ही सामरी थाना से एसआई विनोद पासवान दल बल के साथ क्षेत्र में रवाना हुए थे, लेकिन भारी बारिश से रास्ते में कीचड़ व घाट होने से सामरी पुलिस आगे तक नहीं जा सकी। सीआरपीएफ फोर्स बाइक से मौके तक पहुंची। एसआई विनोद पासवान ने बताया कि बंदरचुआ से आगे सड़क में कटाव आ गया है। मार्ग भी फिसलन भरी होने से फोर्स के घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाने की जानकारी उन्होंने दी।

सड़क का काम नहीं हो सका पूरा

नक्सल प्रभावित चुनचुना-पुंदाग में सबाग से पुंदाग तक सड़क निर्माण के कार्य को भी मंजूरी दी गई थी, लेकिन यह काम भी पूरा नहीं हो सका। सबाग से बंदरचुआ तक फोर्स की मौजूदगी में किसी तरह से सड़क निर्माण का काम पूरा किया जा सका है। सड़क निर्माण कार्य में लगी वाहनों व मशीनरी को नक्सलियों द्वारा पूर्व में आग लगा देने तथा एक सब इंजीनियर व ठेका कंपनी के मुंशी का अपहरण कर लिए जाने के बाद सड़क निर्माण बंद कर दिया गया था,जिससे निर्माण अब तक अधूरा है।

जांच के बाद ही स्पष्ट होगा पूरा मामला- आईजी

पुलिस महानिरीक्षक केसी अग्रवाल ने बताया कि लाइटनिंग के दौरान शुक्रवार देर शाम पुंदाग के नजदीक 30-40 लैंड माइंस ब्लास्ट होने की जानकारी मिली है। जिस दौरान पुंदाग क्षेत्र में लैंड माइंस ब्लास्ट हुए, ठीक उसी वक्त झारखंड सीमा क्षेत्र में पुंदाग से आगे भी 17-18 लैंड माइंस ब्लास्ट होने की जानकारी मिली है। विपरीत मौसम और सुरक्षागत कारणों को ध्यान में रखकर सुरक्षित तरीके से एंटी लैंड माइंस के साथ विशेषज्ञों व तकनीकी टीम को घटनास्थल के लिए भेजा जा रहा है। झारखंड के गढ़वा व लातेहार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी घटना को लेकर चर्चा हुई है। ब्लास्ट सोें को लेकर कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी।

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