पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला, 9 सैन्यकर्मियों की मौत
पुलवामा आतंकी हमले के तीन दिन बाद बलूचिस्तान के पास पाकिस्तानी सेना के काफिले पर रविवार को आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें कम से कम नौ सैन्यकर्मियों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए.
द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने तुरबत और पंजगुर के बीच हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है. यह हमला सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पाकिस्तान पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में आत्मघाती हमले के बाद उप-महाद्वीप में तनाव बढ़ गया है, जहां 20 वर्षीय एक युवक ने विस्फोटक से भरी एसयूवी को सीआरपीएफ के काफिले में घुसा दिया. इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा में हुई आतंकवादी घटना के बाद ईरान और भारत ने साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा संदेश जारी किया था.
सुषमा स्वराज अपने तीन देशों के दौरे पर बुल्गारिया जाते वक्त शनिवार को थोड़ी देर के लिए ईरान में रुकी थीं, जहां उन्होंने ईरान के उप विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची से मुलाकात की थी. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने जिहादी ग्रुप जैश-अल-अद्ल की ओर इशारा करते हुए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पर आरोप लगाया कि ‘शरण देना और चुप रहना’ आतंकवादियों का समर्थन करने जैसा है.
आत्मघाती कार हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के 27 सैनिकों की मौत से भड़के ईरान ने पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया है. ईरान ने इससे पहले चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे आतंकियों के संरक्षण के लिए ‘भारी कीमत’ चुकानी पड़ेगी. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान पर इस आत्मघाती बम हमले के साजिशकर्ताओं को समर्थन देने का आरोप लगाया है.