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ACB और EOW की टीम ने नागरिक आपूर्ति निगम के दफ्तर में मारा छापा

रायपुर. ई-टेंडरिंग घोटाले में दूसरे दिन भी राजधानी में EOW की कार्रवाई जारी है. ACB और EOW की टीम ने नागरिक आपूर्ति निगम के दफ्तर में छापा मारा है. एंटी करप्शन ब्यूरो और EOW की टीम ऑफिस से दस्तावेज जब्त कर जांच में जुटी है. यहीं से कुछ अधिकारी चिप्स के ऑफिस भी रवाना हुए हैं. शुक्रवार को भी EOW की टीम ने CHIPS के ऑफिस में छापामार कार्रवाई करते हुए दस्तावेजों की जांच की थी.

ई-टेंडरिंग घोटाला

नवंबर 2015 से मार्च 2017 के बीच 1459 टेंडरर्स के लिए एक ही ईमेल आईडी का 235 बार उपयोग किया गया, जबकि सभी के लिए यूनिक आईडी देने प्रावधान था.एक ही मेल आईडी का उपयोग 309 ठेकेदारों द्वारा लगातार किया गया. वहीं 17 विभागों के अधिकारियों ने 4601 करोड़ के टेंडर में 74 ऐसे कंप्यूटर का इस्तेमाल निविदा अपलोड करने में किया, जिनका उपयोग वापस उन्हीं के आवेदन भरने के लिए हुआ था. पीडब्लूडी व जलसंसाधन विभाग ने 10 लाख से 20 लाख के 108 करोड़ के टेंडर प्रणाली द्वारा जारी न कर मैन्युअल जारी किए.

जिन 74 कंप्यूटरों से टेंडर निकले उन्हीं से वापस भरे. ऐसा 1921 टेंडर में हुआ. इनकी कुल लागत 4601 करोड़ रुपए थी. वहीं टेंडर के लिए 79 ठेकेदारों ने दो पैन नंबर का इस्तेमाल किया था. एक पैन-एक पैन पीडब्लूडी में रजिस्ट्रेशन और दूसरा ई-प्रोक्योरमेंट के लिए था, ये आईटी एक्ट की धारा 1961 का उल्लंघन है.टेंडर से पहले टेंडर डालने वाले और टेंडर की प्रक्रिया में शामिल अधिकारी, एक दूसरे के संपर्क में थे. 5 अयोग्य ठेकेदारों को 5 टेंडर जमा करने दिए गए. ई-टेंडर को सुरक्षित बनाने के लिए चिप्स ने पर्याप्त उपाय नहीं किए.

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