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हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और एचआईवी की दवा पर डब्ल्यूएचओ ने लगाई रोक…जानिए वजह

जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगियों के इलाज के लिए मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और एचआईवी दवा लोपिनविर/रिटोनाविर के संयोजन को रोक दिया है। यह फैसला अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु दर में कोई कमी नहीं आने पर किया गया है। इन अंतरिम परीक्षण परिणामों से पता चलता है कि देखभाल के मानक की तुलना में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और लोपिनविर/ रीटोनाविर अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगियों की मृत्यु दर में बहुत कम या कोई कमी नहीं करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा है कि सॉलिडैरिटी ट्रायल इन्वेस्टीगेटर्स तत्काल प्रभाव से परीक्षणों को रोक देंगे। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह निर्णय अब उन अन्य अध्ययनों को प्रभावित करेगा, जहां दवाओं का उपयोग गैर-अस्पताल में भर्ती होने या प्रोफिलैक्सिस के रूप में किया जा रहा है। इस बीच, डब्ल्यूएचओ ने 24 घंटे में वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के कुल दो लाख 12 हजार 326 नए मामले दर्ज किए हैं।

एजेंसी ने आगे कहा कि पिछले 24 घंटों में 5,134 मौतें हुई हैं और कुल मिलाकर अब तक पांच लाख 23 हजार 11 लोगों की मौत हो चुकी है। एक दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़ी वृद्धि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और भारत की थी। डब्ल्यूएचओ ने 11 मार्च को कोरोना के महामारी फैलने की घोषणा की थी। वहीं दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या, शुक्रवार के दिन के आंकड़ों को मिलाकर 1.1 करोड़ से अधिक हो गई। इस महामारी ने सात महीनों में पांच लाख से ज्यादा अधिक लोगों को मार दिया है।

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