
रायगढ़ : हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा एक कैदी, जो पैरोल पर रिहा होने के बाद 21 वर्षों तक फरार था, आखिरकार रायगढ़ पुलिस की सतत निगरानी और प्रयासों के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी संतोष कहार को उसके गृह ग्राम सक्ती जिले के चिसदा गांव से पकड़ा गया।
यह मामला वर्ष 2004 का है, जब चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के चिटकाकानी गांव में जमीन विवाद को लेकर ईंट भट्टे में मजदूरी कर रहे संतोष कहार ने व्यवसायी सुरेश अग्रवाल की निर्मम हत्या कर दी थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
जेल में सजा काटते समय संतोष कहार ने पैरोल की मांग की, जो स्वीकृत हो गई। लेकिन पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद वह जेल नहीं लौटा। इस पर कोर्ट ने उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया, लेकिन पुलिस को कई वर्षों तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
हाल ही में चक्रधरनगर थाना प्रभारी अमित शुक्ला ने पुराने स्थायी वारंटों की समीक्षा शुरू की। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि संतोष कहार सक्ती जिले के हसोद थाना क्षेत्र के चिसदा गांव में छिपकर रह रहा है। इसके बाद पुलिस ने गांव में दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में संतोष ने बताया कि वह पैरोल पर छूटने के बाद हिमाचल प्रदेश चला गया था, जहां लगभग 9 वर्षों तक दिहाड़ी मजदूरी करता रहा। इसके बाद वह वापस अपने गांव लौट आया और पहचान छिपाकर गुमनाम जिंदगी जीने लगा।
डीएसपी सुशांतो बनर्जी ने बताया कि यह गिरफ्तारी रायगढ़ पुलिस की सतत निगरानी और वारंट निष्पादन अभियान की सफलता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय बाद आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इस तरह की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी।