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छत्तीसगढ़ में अवैध अप्रवासी मामलों पर सख्ती: ठेका श्रमिकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य, दुर्ग-भिलाई से शुरुआत

 

छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे अवैध अप्रवासी मामलों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सख्त कदम उठाया है। अब राज्य में ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम की शुरुआत दुर्ग और भिलाई से की जा रही है, जिसे आगे चलकर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

ठेकेदारों पर जिम्मेदारी तय

दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि जिन ठेकेदारों द्वारा बाहर से श्रमिक लाए जा रहे हैं, उन्हें अपने सभी मजदूरों का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। जिन जिलों में ठेका श्रमिकों की संख्या ज्यादा है, वहां यह नियम पहले लागू किया जा रहा है।

 

हाल ही में पकड़े गए कई अवैध अप्रवासी

  • रायपुर में बांग्लादेश से आए युवक कबाड़ी का काम करते हुए पकड़े गए।
  • भिलाई में एक युवक नाम बदलकर इंडस्ट्री में काम कर रहा था, जिसे STF ने गिरफ्तार किया।
  • रायगढ़ जिले में पश्चिम बंगाल से आए कई अप्रवासी मजदूरी करते पाए गए, जिनमें से 12 संदिग्धों पर माइनर एक्ट में कार्रवाई की गई।
  • लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे 2 पाकिस्तानी और 5 बांग्लादेशियों की भी पहचान की गई है।

 

गेट पास और दस्तावेजों में वेरिफिकेशन अनिवार्य

28 मई को दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में, भिलाई इस्पात संयंत्र के ट्रेड यूनियन पदाधिकारी शामिल हुए।

  • गेट पास जारी करने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है।
  • अवैध अप्रवासियों की जानकारी संबंधित थाने को तुरंत देने के निर्देश दिए गए हैं।
  • बाहरी लोगों की गतिविधियों पर सतर्क नजर रखने की बात कही गई है।

प्रदेश में बढ़ते अवैध अप्रवासी मामलों को रोकने के लिए यह कदम सुरक्षा, पारदर्शिता और विधिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में अहम साबित होगा। दुर्ग-भिलाई से शुरू हुआ यह अभियान अब धीरे-धीरे पूरे छत्तीसगढ़ में लागू किया जाएगा।

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