
प्रयागराज के महाकुंभ में इन दिनों एक महिला साध्वी को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है. हालांकि ये बात भी अब सामने आ रही है कि यह महिला जिसका नाम हर्षा रिछारिया है वो साध्वी नहीं बल्कि उन्होंने सिर्फ दीक्षा ली है. महाकुंभ के शुरू होते ही सोशल मीडिया में हर्षा रिछारिया की कई वीडियो पूर देश में तेजी से वायरल हो रही हैं. सोशल मीडिया में अब तक मॉडल की तरह दिखने वाली साध्वी को लेकर चर्चाएं हो रही थी, लेकिन अब महाकुंभ में पेशवाई के दौरान मॉडल साध्वी को रथ पर बैठाने को लेकर विवाद छिड़ गया है. जो भी हर्षा रिछारिया की फोटो और वीडियो देख रहा है वो जानना चाह रहें कि आखिर ये साध्वी हर्षा रिछारिया कौन है.
कौन है हर्षा रिछारिया..
हर्षा रिछारिया मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं. इनके माता-पिता भोपाल में ही रहते हैं. हर्षा ने 5वीं तक की पढ़ाई झांसी से की थी. और उसके बाद परिवार के साथ भोपाल शिफ्ट हो गई थी. हर्षा भोपाल में ही एक्टिंग और एंकेरिंग के प्रोफेशन से जुड़ी थी. लेकिन एक समय के बाद हर्षा ने लाइमलाइट की चकाचौंध छोड़कर अध्यात्म की राह पर चल पड़ी. उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज से दीक्षा लेकर उनकी शिष्या है.
ये है पूरा मामला…
दरअसल, 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी. जिसमें मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं. इसी बात को लेकर संतों ने घोर आपत्ति जताते हुए हर्षा पर कई तरह की टिप्पणियां कर दी. इस मामले के बाद से हर्षा रिछारिया का रोना-धोना शुरू हो गया और उन्होंने इन सब से तंग आकर महाकुंभ से विदा लेने की बात भी कह डाली.
स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज पर साधा निशाना
महाकुंभ में हर्षा का लुक तो चर्चा का विषय था ही लेकिन इसे लेकर शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कह दिया कि यह उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। उन्हांने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज पर निशाना साधते हुए कहा कि साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
न मैं मॉडल हूं न संत
जब मीडिया ने हर्षा से संतों द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले न तो मै मॉडल हूं और न ही कोई संत…मैं सिर्फ एक एंकर और एक्ट्रेस थी। संतों ने महिला होने के बावजूद मेरा अपमान किया. यह गलत है. हर्षा ने कहा मुझे जो महसूस होता है, वो यह है कि अगर कोई भी इंसान वेस्टर्न कल्चर को छोड़कर, सनातन धर्म की संस्कृति से जुड़ना चाहता है, समझना चाहता है, उसमें समाना चाहता है, उसमें रम जाना चाहता है, तो हिंदू होने के नाते, सनातनी होने के नाते हमें खुशी से उसे परिवार में, धर्म में शामिल करना चाहिए, न कि उसका विरोध करना चाहिए.
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्या हैं हर्षा रिछारिया
हर्षा का कहना है कि पूज्य गुरुदेव आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज से मैंने शिक्षा-दीक्षा ली है. मंत्र दीक्षा ली है. मेरी तरह उनके लाखां शिष्य हैं. मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे उनका सानिध्य मिला. वह सिद्ध पुरुष हैं। विश्व में उनकी ख्याति है.