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घरेलू हिंसा रोकने वैचारिक परिवर्तन की जरूरत-विवेक शुक्ला, वक्ताओं ने कहा-घरेलू हिंसा को लेकर जागरूक रहें महिलाएं…

अंबिकापुर। घरेलू हिंसा को लेकर महिलाओं को जागरूक करने विजन संस्थान द्वारा राजमोहिनी भवन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं जुटीं।पुलिस अधिकारी, अधिवक्ता,चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने पर जोर दिया।महिलाओं ने अपनी समस्याएं बताई।मौके पर मौजूद अधिकारियों ने महिलाओं की समस्याओं को निराकरण करने भरोसा दिया है।

घरेलू हिंसा के बचाव में युवा, समाज और पुलिस की भूमिका पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने कहा कि यह सच है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा सहनशील और संयमी हैं जिसका फायदा उठाकर हिंसा की जाती है। घरेलू हिंसा रोकने समाज में ही वैचारिक परिवर्तन की जरूरत है जो ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से संभव है।सभी महिलाओं को भरोसा दिलाता हूं कि पुलिस से आपको हर मदद मिलेगी।हम और हमारी पुलिस महिलाओं को लेकर काफी संवेदनशील हैं। किसी भी तरह के घरेलू हिंसा हो या महिलाओं को लेकर कोई नकारात्मक बातें सामने आए तो पुलिस हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी।

नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अम्बष्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम की बारीकियों को बताते हुए कहा कि कैसे सती प्रथा जैसी सामाजिक बुराई का अंत हुआ है हम सब जानते हैं। हम सब एकजुट होकर इन कुरीतियों को रोक सकते हैं। हम सब सामूहिक प्रयास करेंगे तभी घरेलू हिंसा पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि हर महिला सोचे कि वह सबसे मजबूत है। सबसे सुंदर है। सब से लड़ने की ताकत रखती है। तभी यह संभव हो सकेगा।

सामाजिक कार्यकर्ता वंदना दत्ता ने कहा कि सभी महिलाओं को एकजुट होकर घरेलू हिंसा ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से महिलाओं के लिए नकारात्मक बातें आती है उसे रोकने का प्रयास करना जरूरी हो गया है। अब पहले की तुलना में महिलाओं में काफी जागरूकता आई है, इसलिए ऐसे आयोजनों की और भी सार्थकता है। कार्यक्रम को शहर की चिकित्सक डॉक्टर अपेक्षा सिंह गहरवार ने महिलाओं को लेकर प्रेरक उद्बोधन दिया।उन्होंने महिलाओं की कई समस्याओं को उदाहरण सहित प्रस्तुत किया और कहा कि किस तरह महिलाओं को शराब के नशे में उसके पति के द्वारा ही प्रताड़ित किया जाता है जिससे कई शारीरिक, सामाजिक व पारिवारिक कठिनाइयां आती हैं।


स्वागत उद्बोधन अधिवक्ता व समाजसेवी संस्थान विजन की संयोजिका शिल्पा पांडेय ने दिया।शिल्पा ने कहा कि यह नई शुरुआत है। हम सब महिलाएं स्वतंत्र होकर हर काम कर सकें। हमारा कहीं शोषण न हो। हम हिंसा के शिकार न हो ,इसके लिए आवाज सबको उठानी होगी। हाथ से हाथ मिला कर ही हम सब इन कुरीतियों को बदल सकते है।शिल्पा के जोरदार उद्बोधन से महिलाएं काफी उत्साहित नजर आईं।कार्यक्रम को अनंगपाल दीक्षित ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को डॉक्टर रितेश सिंह,प्रोफ़ेसर पंकज अहिरवार, महिला बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम प्रबंधक ज्योति मिंज, महिला कल्याण अधिकारी सुलेखा कश्यप,एमएसवीपी की डायरेक्टर मीरा शुक्ला ने संबोधित किया।इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता आशीष वर्मा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान अंजुम निशा ने राज गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में स्वच्छ अंबिकापुर मिशन फेडरेशन की अध्यक्ष शशि कला, कुसुम, श्वेता, अगस्तिना, आसना ,श्रद्धा, गंगोत्री, ललिता पांडेय, नूरेशा, मालती दास, बबीता, मधुमिता, दीपमाला, ज्ञान लता, शिव कुमारी, सोनी ,सीमा, शांति सक्रिय रहे।

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