
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस बार क्वांर नवरात्रि के दौरान डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी का दर्शन आसानी से नहीं होगा। कुछ प्रतिबंधों के साथ हीदर्शन की अनुमति होगी। श्रद्धालुओं को पहले तो एप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मंदिर पहुंचने पर कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी दिखाना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं पदयात्रा, मेला, मीना बाजार व झूले पर प्रतिबंध रहेगा। पर्व को लेकर प्रशासन ने दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे दिया है।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एसपी डी श्रवण ने मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ में सात अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले क्वांर नवरात्रि पर्व के संबंध में शनिवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। अक्टूबर माह में तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए डोंगरगढ़ में नवरात्रि में प्रतिबंध अनिवार्य है। संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों से मां बम्लेश्वरी मंदिर में मेला प्रतिबंधित किया गया है। आंशिक छूट के साथ सिर्फ दर्शन करने की अनुमति होगी।
प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा…
मांई के दर्शन को पहुंचने वाले श्रद्धुालुओं को 72 घंटे पहले की कोविड-19 जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। इसके बिना मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। साथ ही कोरोना टीका के दोनों डोज का प्रमाण पत्र भी साथ लेकर आना अनिवार्य है। इस वर्ष भी डोंगरगढ़ के लिए स्पेशल ट्रेन की अनुमति नहीं होगी। बैठक में कलेक्टर ने पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग को चेक पाईंट में टीम बनाकर तैनात करने कहा है। इसके साथ ही मां बम्लेश्वरी डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट से सहयोग की बात कही।
अधिक सतर्क रहने को कहा…
जिले की सीमा महाराष्ट्र से लगे होने के कारण वहां से अधिक दर्शनार्थी डोंगरगढ़ आते है। वहां दूसरी लहर का संक्रमण चल ही रहा है। इसलिए अधिक सतर्क रहने को कहा गया है। प्रवेश देने से पहले कोविड-19 जांच और टीकाकरण रिपोर्ट की जांच जरूर करेने पर जोर दिया गया। इसके पहले बैठक में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल ने कहा कि मां बम्लेश्वरी का मंदिर कोविड-19 संक्रमण के कारण पिछले डेढ़ वर्षों से बंद रहा है। इससे आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा है। प्रतिबंधों के साथ दर्शन करने की अनुमति होनी चाहिए। एसपी श्रवण ने कहा कि संक्रमण का खतरा टला नहीं है। चेक पाईंटो में यात्रियों की जांच के बाद ही क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति होगी।
दर्शन के पहले टीकाकरण अनिवार्य…
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में तीसरी लहर की पीक आने की आशंका है। नवरात्रि में लाखों दर्शनार्थी यहां माता के दर्शन के लिए पहुंचते है। पिछली नवरात्रि की तरह इस नवरात्रि में भी बेहतर कार्य करेंगे। डाक्टर की टीम चेक पाईंट और रेलवे स्टेशन में तैनात रहेगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण किया जा रहा है। मंदिर दर्शन के पहले टीकाकरण अनिवार्य कराएं। मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधि ने भी इस संबंध में सुझाव दिए।
चारों दिशाओं में होंगे चेक पाइंट…
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि परंपरागत रूप से माता की पूजा-अर्चना की जाएगी। केवल मंदिर में दर्शन की अनुमति होगी। मंदिर के 10 किलोमीटर पहले मुरमुंदा, चिचोला तथा अन्य डोंगरगढ़ आने वाले रास्तों में चेक पॉईंट बनाएं जाएंगे। यहां आने वाले सभी दर्शनार्थियों को कोविड जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। जिन्होंने कोविड टीका के दोनों डोज लगवाएं हैं, उनको सर्टिफिकेट जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति होगी। मां बम्लेश्वरी मंदिर दर्शन के लिए एप तैयार किया जाएगा, जिसमें मंदिर दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रेल यात्रियों को रेलवे स्टेशन में कोविड-19 जांच के बाद ही आने की अनुमति होगी।