
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बस्तर में नक्सल उन्मूलन और शांति स्थापना का समर्थन करते हुए कहा कि यदि बस्तर को नक्सलमुक्त कराकर बड़े उद्योगपतियों को ठेका देकर उद्योग लगाए जाएंगे तो इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने यह बयान स्वास्थ्य न्याय यात्रा के दौरान बिलासपुर में दिया।
विष्णुदेव सरकार पर तंज
महंत ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हम जैसे चालू टाइप के नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा कि राज्य में सरकार चला कौन रहा है– मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, ओपी चौधरी या फिर कोई डिप्टी सीएम?” उन्होंने कहा कि सरकार में अलग-अलग दिशाओं में काम हो रहे हैं, जिससे स्पष्टता नहीं दिख रही।
ट्रांसफर, पदोन्नति और हाईकोर्ट के स्टे पर टिप्पणी
महंत ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आईएएस-आईपीएस अफसरों के लंबे समय बाद हुए तबादले, प्राचार्यों की हुई पदोन्नति और फिर हाईकोर्ट का उस पर स्टे यह दर्शाता है कि सरकार में तालमेल की कमी है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर तंज
उन्होंने कहा कि वे भाजपा नेताओं और विधायकों को कई बार मंत्रिमंडल में शामिल होने पर बधाई दे चुके हैं, लेकिन अब वे खुद अस्पष्टता और निराशा की स्थिति में हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ से खुद को किया अलग
महंत ने यह भी साफ किया कि वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी इस पर निर्णय लेंगे।
बस्तर में शांति का लाभ स्थानीय लोगों को मिले
महंत ने बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के सरेंडर और मुठभेड़ों पर संतोष जताते हुए कहा, “हमें अच्छा लग रहा है कि बस्तर शांत हो रहा है। लेकिन इस शांति का लाभ स्थानीय ग्रामीणों और निर्दोष लोगों को मिलना चाहिए, न कि केवल बड़े ठेकेदारों और कंपनियों को।”