
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने एमआई-17 वी5 की हुई दुर्घटना के लिए गठित ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए बताया है कि हेलीकाप्टर हादसे अचानक मौसम बदलने और हेलिकाप्टर के बादलों में घुसने की वजह से हुआ था. ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही से इनकार किया है.
IAF ने अपने बयान में कहा है कि मौसम में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में घुसने से हुआ हादसा… इससे पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ, जिसके चलते नियंत्रित उड़ान इलाके में यह हादसा हुआ. इंडियन एयरफोर्स ने कहा, अपने निष्कर्षों के आधार पर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है.
वायु सेना ने कहा, 8 दिसंबर को अप्रत्याशित ढंग से मौसम में बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के परिणामस्वरूप हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई, जिससे पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ. वायु सेना ने कहा, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है.
बता दें, 8 दिसंबर 21 को एमआई-17 वी5 दुर्घटना में में सीडीएस बिपिन रावत और अन्य की मौत हो गई थी. इसकी जांच के लिए ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की गई थी. एयरफोर्स ने कहा, ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया है. ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही से इनकार किया है.