नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए बन रहे तीन हजार पीएम आवास, तीन महीने में तैयार हुआ सोडी हुंगी और दशरी बाई का घर!
Three thousand PM houses are being built for Naxal -affected families and surrendered Naxalites, The house of Sodi Hougi and Dasari Bai's house in three months

डेस्क/छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और पुनर्वास की नीति पर सधे कदमों से आगे बढ़ रही है। इसी रणनीति के तहत राज्य में नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की विशेष परियोजना के अंतर्गत करीब तीन हजार पक्के मकान बनाए जा रहे हैं।
दुर्गम क्षेत्रों और विषम परिस्थितियों के बावजूद, कुछ मकान मात्र तीन महीने में बनकर तैयार भी हो चुके हैं। सुकमा की सोडी हुंगी और कांकेर की दशरी बाई इसका जीवंत उदाहरण हैं, जिनके पक्के आवास मार्च में स्वीकृति के बाद मई में शुरू हुए और जुलाई तक पूर्ण हो गए। यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के आग्रह पर मंजूर की गई थी, जिसके अंतर्गत 15 हजार मकानों की स्वीकृति दी गई है। इनमें से अब तक पात्र पाए गए पांच हजार परिवारों में से तीन हजार को आवास स्वीकृत, 2111 को पहली किस्त और 128 को दूसरी किस्त भी जारी की जा चुकी है।
कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड की दशरी बाई के पति की माओवादी हमले में मौत हो गई थी। कठिन पहुंच वाले क्षेत्र में तीन महीने में उसका मकान बनकर तैयार हुआ। दशरी बाई बताती हैं कि “बारिश और रास्ते की कमी से सामग्री लाना मुश्किल था, लेकिन पंचायत और प्रशासन की मदद से सब मुमकिन हुआ।”
वहीं,सुकमा जिले की सोडी हुंगी,जिनके पति की 2005 में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी, अब अपने नए पक्के मकान में परिवार सहित सुरक्षित जीवन जी रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की विशेष परियोजना के तहत उन्हें 1.35 लाख रुपये की तीन किस्तें मिलीं, और पंचायत के सहयोग से जुलाई में निर्माण पूरा हुआ।
राज्य में इस विशेष परियोजना के अंतर्गत सबसे अधिक 984 मकान सुकमा,761 बीजापुर, 376 नारायणपुर,251 दंतेवाड़ा,214 बस्तर, 166 कोंडागांव,146 कांकेर,27 गरियाबंद,25 बलरामपुर और 23 मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी में स्वीकृत किए गए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “यह सिर्फ घरों का निर्माण नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्थायित्व और विश्वास की नींव है। हमारी सरकार हर पात्र परिवार को पक्का घर देने के लिए संकल्पित है।”
गृह मंत्री विजय शर्मा ने इसे सामाजिक न्याय और मानवीय गरिमा की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि “सोडी हुंगी और दशरी बाई जैसे उदाहरण साबित करते हैं कि सरकार अगर संवेदनशील हो और प्रशासन सक्रिय, तो सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक भी विकास की रोशनी पहुंचाई जा सकती है।”
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की यह विशेष परियोजना अब एक मॉडल योजना के रूप में सामने आ रही है, जो शासन की प्रतिबद्धता और जनभागीदारी का सशक्त उदाहरण है।