तहसीलदारो की हड़ताल शक के घेरे में, प्रसाद और चढ़ावे से मिलेगा प्रमोशन? कोड वर्ड के जरिए भ्रष्टाचार का खुला खेल?

हिमांशु/सोशल मीडिया पर तहसीलदार के ग्रुप मे हुई चैटिंग वायरल होने लगी, दरअसल छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले प्रमोशन समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं। लेकिन इसी बीच एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसने प्रशासनिक सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।हड़ताल की आड़ में प्रमोशन की डीलिंग का मामला सामने आया है। तहसीलदारों की एक वॉट्सऐप चैट वायरल हो रही है, जिसमें प्रमोशन के लिए ‘नारियल’ और ‘किलो’ जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक ये चैट ’50-50 ग्रुप’ नाम के एक वॉट्सऐप ग्रुप की है, जिसमें तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रमोशन के लिए कुछ बड़े अधिकारियों और नेताओं को ‘प्रसाद’ चढ़ाने की योजना बनाते दिख रहे हैं।
चैट में लिखा गया है –
“*भाई लोग, कैबिनेट मीटिंग से पहले नारियल पहुंच जाना चाहिए।*”
“नहीं तो दो साल जूनियर बनकर ही रह जाओगे।*”
“*किलो की डिलीवरी आज शाम तक कंप्लीट करनी है”
माना जा रहा है कि ‘नारियल’ और ‘किलो’ सीधे तौर पर घूस या अन्य गैरकानूनी लेन-देन के कोडवर्ड हैं, जिन्हें मंत्री और सचिव स्तर तक पहुंचाने की बात की जा रही है। वायरल चैट में खुले तौर पर प्रमोशन के बदले में ‘कलेक्शन’ का जिक्र है, और इस बात का दबाव भी है कि अगर तय रकम या ‘नारियल’ समय पर नहीं दिए गए, तो प्रमोशन रुक सकता है।
फिलहाल ये वायरल चैट सरकार और प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। सवाल ये है कि क्या प्रमोशन अब योग्यता पर नहीं, बल्कि ‘प्रसाद’ पर मिलेगा? क्या वाकई में छत्तीसगढ़ की अफसरशाही में कोडवर्ड के जरिए भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है?
सरकार की तरफ से इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन वायरल चैट ने तहसीलदारों की हड़ताल को शक के घेरे में जरूर खड़ा कर दिया है।