देश में 15 साल के ऊपर ही नहीं बल्कि अब 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों को कोरोना का टीका (Corona Vaccine) लगाया जाएगा. दवा नियामक ड्रग कंटोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन (Bharat Biotech’s Covaxin) को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए आपात इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. बता दें कि इससे पहले, भारत बायोटेक ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को कोवैक्सीन के लिए दो से 18 वर्ष आयु वर्ग का क्लीनिकल डाटा प्रस्तुत किया था.
इस बारे में भारत बायोटेक ने कहा था सीडीएससीओ और विषय विशेषज्ञ समिति ने डाटा की पूरी तरह से समीक्षा करने के बाद अपनी सकारात्मक सिफारिशें प्रदान की हैं. जिसके बाद शनिवार को डीसीजीआइ ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोवैक्सीन को इजाजत मिलने के बाद बड़े पैमाने पर बच्चों का टीकाकरण अभियान चलाया जा सकता है. देश में इस समय वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक है.
बता दें कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के आंकड़े सौंपे थे. जिसमें दो से 18 साल के बच्चों पर दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा अक्टूबर महीने की शुरुआत में भारत बायोटेक ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन (CDSCO) को दिया था. इन आंकड़ों के अध्ययन के बाद पहले एसईसी ने इसे मंजूरी देने की सिफारिश की और फिर उसके बाद अब शनिवार को डीसीजीआइ ने भी इसकी मंजूरी दे दी है. हालांकि अभी मंजूरी 12 साल से ऊपर के बच्चों को ही मिली है. बाद में 2 साल तक के बच्चों के लिए टीके की मंजूरी मिल सकती है.
कोवैक्सीन से पहले भारत में जायडस कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए मंजूरी दी जा चुकी है और इसके साथ ही भारत बायोटेक और जायडस कैडिला के अलावा भारत में बच्चों के लिए दो अन्य वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. इनमें एक वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की कोवावैक्स है, जिसे डीसीजीआइ सितंबर में सात से 11 साल के बच्चों पर इसके ट्रायल की अनुमति दे चुका है. इसी तरह बायोलाजिकल ई की कोरबेवैक्स को भी पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए ट्रायल की अनुमति दी गई है.