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प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व में होगा बदलाव…अब कमान किसके हाथों में?

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार कांग्रेस में अंतर कलाओं का दौर जारी है विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद अब नगरी निकाय चुनाव के बाद एक बार फिर से कांग्रेस में चल रहे आंतरिक कल खुलकर सामने आ रही है बीते दिनों पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा द्वारा दिए बयान के बाद से एक बार फिर से यह स्पष्ट होता हुआ नजर आ रहा है कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता प्रदेश के नेतृत्व बदले जाने को लेकर मांग कर रहे हैं

कांग्रेस में चल रही अंतर कलह की वजह से पहले विधानसभा, लोकसभा और अब एक बार फिर से हुए निकाय चुनाव में हुए मनमर्जी के टिकट वितरण की वजह से पार्टी के कार्यकर्ताओ द्वारा पार्टी के खिलाफ प्रदेश कार्यालय में बगावती शोर भी कई बार सुनने के लिए मिल चुका है बता दे नगरीय निकाय चुनाव में मनमाने रूप से हुए टिकट वितरण की वजह से पार्टी में कई नाराज कार्यकर्ता राजधानी स्थित राजीव भवन में बड़ी संख्या में पीसीसी चीफ दीपक बैज से मुलाकात करने पहुंचे से

ऐसे में अब प्रदेश का नेतृत्व बदले जाने को लेकर भी कांग्रेस के कार्यकर्ता मांग करते हुए नजर आ रहे हैं बता दे पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा द्वारा दिए बयान के बाद पीसीसी द्वारा उन्हें 7 दिनों के भीतर कारण बात नोटिस जारी कर दिया गया है एक और जहां प्रदेश में लगातार कांग्रेस सारे चुनाव हार चुकी है तो वहीं अब नेतृत्व पर सवाल उठने की वजह से पीसीसी चीफ दीपक बैज की कुर्सी खतरे में नजर आ रही हैं।

वही कांग्रेस में हो रही सिर कुटवल की स्थिति को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने इसे कांग्रेस की नाकामी बताते हुए कहा कि कांग्रेस पहले दिल्ली में शून्य हो चुकी है देश में शून्य होते जा रही है और अब कांग्रेस शून्य की ओर बढ़ रही है पार्टी में चल रहे अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आ रही है शायद यही वजह है कांग्रेस की जिसकी वजह से वे जनता से दूर जा रहे हैं जिसका परिणाम विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव और वर्तमान में निकाय चुनाव में उनकी शर्मनाक हर देखने के लिए मिली है।

वहीं अब इस पूरे पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि बंद कमरे में सबकी बातें सुनने को तैयार हु। मीडिया में खुलेआम बयान देकर लोग पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं और प्रदेश में चुनाव हारने से कांग्रेस खत्म नहीं हुई है, मन की कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का चुनाव हारने की वजह से मनोबल थोड़ा कमजोर हुआ है,लेकिन हताश नहीं हुए है, और पार्टी 2028 विधानसभा चुनाव कांग्रेस पूरी मजबूती से लड़ेंगे,

बहर हाल कांग्रेस में बगावती शोर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ओर ऐसे में प्रदेश कांग्रेस की कमान क्या..अब दीपक बैज के हाथों में रहेगी या नहीं यह तो अब कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ही अब तय करेगा…पर अब सवाल यह है। कि अगर नहीं तो ऐसे में वो कौन से हाथ होंगे जिनमें प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जाएगी ताकि आगे आने वाले चुनाव में पार्टी की जीत व पार्टी में मंच रहे आपसी बावल पर काबू पा सके….

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