बेमेतरा। एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सामाजिक सुरक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं तो दूसरी तरफ उनकी ही सरकार में पुलिस से लेकर मंत्री तक उसकी बात सुनने को राजी नहीं है। दरअसल, बेमेतरा जिले के सिलघट निवासी पीड़िता ने कई बार अपनी फरियाद लेकर पुलिस थाने से लेकर तमाम अधिकारियो तक पहुंची लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। यह पूरा मामला कण्डरका थाना क्षेत्र का है। पीड़िता के मुताबिक वे शिक्षिका है। उसने बताया कि उसका पति शराबी है और आए दिन उसके साथ मारपीट करता है। उसने बताया कि कई बार जानलेवा हमला भी किया गया लेकिन वह किसी तरह से बच गई।
महिला ने बताया कि न केवल पति बल्कि ससुराल वाले भी मानसिक व शरीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। एक और जहां उसके साथ मारपीट की वारदात हो चुकी है तो अब उसे बदनाम करने की भी साजिश रची जा रही है। उसने बताया कि मारपीट की वारदात के बाद मेडिकल जांच में पुष्टि होने के बावजूद एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। वही महिला ने यह बताया है कि महिला आयोग के पास भी वह अपना दर्द बयान कर चुकी है लेकिन उसे वहां से भी कोई मदद नहीं मिली है।
महिला ने वीडियो जारी कर अपनी आपबीती बताई है। इस वीडियो में महिला बता रही है कि वह एक शिक्षिका है। वह 1 महीने से बहुत परेशान है।
महिला कह रही है ऐसा लग रहा है जैसे मेरी जिंदगी में सब कुछ खत्म हो गया है। मेरे ससुराल वाले मेरे साथ षड्यंत्र किए हैं। अपनी गलती छुपाने के लिए मुझे बदनाम करने की साजिश किए हैं। मेरा पति हमेशा से मुझ पर शक करता है, मारपीट करता है और दूसरी शादी करने की धमकी देता है। मेरा ससुर नौकरी छोड़ने की दबाव डालता है। मेरा पति नशा करता है और हर महीना महिला का कॉल डिटेल निकालता है और अगर कॉल डिटेल में किसी भी लड़के का नंबर रहता है तो शक करता है और मारपीट करता है और धमकी देकर ऑडियो रिकॉर्ड किया है और हमेशा से बदनाम करने की धमकी देता रहता है।
महिला ने बताया कि 13 अप्रैल को मुझे जान से मारने की कोशिश करने के चलते पति ने मारपीट की तो अपनी जान बचाने के लिए महिला मायके आ गई है। और तुरंत कण्डरका थाना जाकर शिकायत दर्ज कराई है। जिसको लेकर महिला का मुलायजा भी हुआ है। महिला बता रही है कि इन सब चीजों का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए दो नाम के व्यक्ति के जैसे कुछ असामाजिक तत्व लोग महिला का फोटो और नाम दूसरे लड़के के नाम और फोटो के साथ जोड़कर अभद्र शब्दों के साथ सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं। जिसकी वजह से महिला के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचा है।
महिला ने यह भी बताया कि मैं 1 महीने से एसपी ऑफिस, महिला थाना और कण्डरका चौकी,महिला आयोग और नेता लोगों के घरों का चक्कर काट रही हूं। मामले में अभी तक कोरी f.i.r. नहीं हुआ है। राजनीतिक दबाव इतना है कि महिला के आरोपों के आधार पर एफआईआर नहीं लिखा जा रहा है।
महिला बता रही है कि बयान के तौर पर पुलिस वाले मुझे परेशान कर रहे हैं और चुपचाप घर में बैठ जा कहकर सलाह दे रहे हैं।
इसके साथ ही महिला ने कहा है कि अगर मेरे साथ कुछ भी गलत होता है तो उसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रशासन होगा और कहा है कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मेरे पास कोई रास्ता नहीं रहेगा शिवाय आत्महत्या के।