स्वास्थ्य विभाग ने अपनी हरकत को दोहराया, भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की
सूरजपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग में पूर्व में कई पदों पर भर्तीया कि गई थी और गड़बड़ी का खुलासा होने के कारण उन भर्तियों को निरस्त कर दिया गया था. ऐसे मे फिर एक बार स्वास्थ्य विभाग ने अपने हरकत को दोहराया है. जहां सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएम के द्वारा स्टाफ नर्सों के लिए 29 पदों कि 1 नवंबर को लिखित परिक्षा के लिए दस्तावेज कि प्रक्रिया एक ही दिन रखी गयी थी और दावा किया गया था कि किसी भी प्रकार कि कोई गड़बड़ी न हो इसलिए एक ही दिन में अभ्यर्थीयो से दस्तावेज कि पुरी प्रक्रिया पुर्ण किया गया. जहां दो नवंबर को मेरिट लिस्ट जारी कि गई जिसके लिए मेरीट अभ्यर्थीयो को 6 नवंबर को लिखित परिक्षा में शामिल होना था. लेकिन मेरीट सूची के चस्पा होते ही हाई परसेंटेज वाले अभ्यर्थीयो के होश उड़ गए.
जहां अभ्यर्थीयो ने आरोप लगाया की मेरीट सूची में जिनके नाम है उनके द्वारा फर्जी अनुभव लगाया गया है और फर्जी तरीके से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मेरीट सूची जारी किया गया है. जिसके बाद अभ्यर्थीयो ने बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय मे जमकर हंगामा कर आंदोलन कि चेतावनी दिए बता दें कि सूरजपुर के स्वास्थ्य विभाग मे पदस्थ सीएमएचओ भर्ती प्रक्रियाओ मे गड़बड़ी को लेकर शुरु से ही विवादो में रहते है.
सीएमएचओ के रिश्तेदार क्षेत्र के बड़े जनप्रतिनिधी है इसलिए सीएमएचओ पर हमेशा से ही गड़बड़ी और लापरवाही का आरोप लगता रहता है. लेकिन इसी वजह से अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे रहते है,लेकिन एन एच एम के स्टाफ नर्स के भर्ती प्रक्रिया मे गड़बड़ी कि शिकायत कि जानकारी देर शाम कलेक्टर गौरव सिंह को लगते ही भर्ती प्रक्रिया के लिए 6 नवंबर को होने वाले परिक्षा को निरस्त करने के आदेश के साथ जांच के आदेश दिए है. लेकिन स्वास्थय विभाग के सीएमएचओ हकिकत न बयां करते हुए बस जांच कराने कि राग अलापते नजर आए.