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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पशु चिकित्सा विभाग में भर्ती घोटाला : नियमों का उल्लंघन करने वाले 44 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

 

रायगढ़ : पशु चिकित्सा विभाग रायगढ़ में वर्ष 2012 में हुई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में भारी अनियमितता का खुलासा हुआ है। शिकायत के बाद गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने 44 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

क्या है मामला

वर्ष 2012 में विभाग में सफाईकर्मी, परिचालक और सह चौकीदार के केवल 32 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर 44 लोगों की नियुक्ति कर दी गई। इस गड़बड़ी की शिकायत प्रशासन को मिली, जिसके बाद एक जांच टीम गठित की गई।

 

जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गईं

  • महिला आरक्षण नियमों का उल्लंघन
  • स्वीकृत पदों से अधिक संख्या में भर्ती
  • मेरिट सूची का प्रकाशन नहीं हुआ और उस पर दावा-आपत्ति का मौका नहीं दिया गया
  • उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में अनियमितता
  • दो महिला अभ्यर्थियों को नियमों से हटकर नियुक्ति आदेश जारी किया गया

इन सबके आधार पर जांच समिति ने भर्ती प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण और नियमविरुद्ध करार दिया।

 

सेवा समाप्त करने वालों की सूची में शामिल नाम

विशंभर मिश्रा, अशोक कुमार मिश्रा, गिरधारी त्रिपाठी, दयानिधि साव, रुपलाल पटेल, सुरेश बरेठ, श्रीधरकुमार पंडा, शीतल कुमार यादव, संतोष सिंह निषाद, दिगंबर दास, लक्ष्मण भोय, संतोष कुमार पटेल, टिकेश्वर प्रसाद साहा, गणेश कुमार यादव, खगेश कुमार साव, सुरेन्द्र कुमार बेहरा, कमल किशोर यादव, दिनेश कुमार निषाद, गौरीशंकर पटेल, हरिशंकर गुप्ता, मनीष कुमार साहू, प्रमोद कुमार भगत, बिरेन्द्र कुमार राठिया, दिलीप सिंह सिदार, चेतन सिंह राठिया, केशव प्रसाद राठिया, दिगंबर प्रसाद राठिया, आत्माराम भगत, रतन किस्पोट्टा, सुखलाल तिग्गा, गुणनिधि उरांव, रामकिशोर सिदार, सरोज कुमार राठिया, रामावतार सिदार, चतुर्भुज राठिया, जोगेन्द्र मिंज, हरिशंकर राठिया, अक्षय कुमार केरकट्टा, संदीप कुमार राठिया, असिन्ता कुजूर, विनीता खलखो।

तीन की हो चुकी है मृत्यु

जिनकी सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें तीन कर्मचारी पहले ही आकस्मिक मृत्यु का शिकार हो चुके हैं – श्रीवंत कुमार पंडा, मुकेश कुमार मरावी और गणेश कुमार नाग।

विभाग ने दी सफाई

पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. डीपी झरिया ने बताया कि यह सीधी भर्ती प्रक्रिया 2012 में हुई थी, जिसकी शिकायत के बाद विस्तृत जांच कराई गई। रिपोर्ट में अनियमितताओं की पुष्टि के बाद 44 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है।

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