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नक्सलियों की वजह से फैल सकता है कोरोना

बाहरी राज्यों से आने वाले नक्सली बने प्रशासन की चिंता

पाखंजुर से बिप्लब कुण्डू  की रिपोर्ट

पखांजुर। सीनियर कैडर के माओवादी अपने अधीनस्थ सदस्यों को कोरोना (corona virus) के बारे में बताने से परहेज कर रहे हैं।  ऐसा करने से उन्हें डर है कि जूनियर नक्सली  (Naxali) संगठन छोड़ कर चले जाएं ।
नक्सली अक्सर गांव – गांव में पहुंचकर ग्रामीणों की बैठकें लेते रहते हैं । प्रायः उनके अन्याय पर उड़ीसा , तेलंगाना , आंध्रप्रदेश , झारखंड आदि से कैडर नक्सली रणनीति तय करने और कई मसलों पर चर्चा करने आते रहते हैं ।

एक भी संक्रमित नक्सली बन सकता है मुसीबत

एक भी संक्रमित माओवादी यदि आ गया तो अंदरूनी क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो सकती है जिसे कंट्रोल करना नामुमकिन होगा । पुलिस ( police) के आला अधिकारी भी इस बात को लेकर चिंतित हैं । उनका मानना है किमानवत के नाते नक्सलियों को भी इस पीरियड में लाक डाउन (lock down)  के मानकों का पालन करना लोकहित में होगा ।

क्या कहते हैं आइजी बस्तर

इस सम्बंध में आइजी बस्तर (IG Baster)  सुंदरराज का कहना है कि बाहरी राज्यों से आने वाले नक्सली अपने निचले कैडर केे लोगों कोरोना वायरस को लेकर कितना जागरूक करते हैं । इसके अलावा उनके आने-जाने सेेे लाक डाउन की चेन टूटेगी। इसके अलावा सुरक्षा बल के जवान जहां भी कष्ट में जाते है।  वहां लोगों को पुरानाा से बचने के उपाय जरूर बताते हैं ।

तब्लीगी  जमात के  1800 लोग क्वारंटाइन

दिल्ली मैं इकट्ठा हुए तब्लीगी जमात (Tableegi jamat ) के अट्ठारह सौ लोगों को करंट टाइम किया गया है।  उनके धर्मगुरु अभी भी फरार बताए जा रहे हैं।  उनको तलाश करने के लिए पुलिस की 9 टीमें बनाई गई है ।  इस समाज में पूरी दुनिया के लोग आए हुए थे। इसको लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ ।

 

 

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