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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा अधिवेशन मेरा संविधान, मेरा स्वाभिमान में शामिल होंगे राहुल गांधी

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के अब कुछ ही महीने बचे है, ऐसे में कांग्रेस को फिर से मुलसमानों की याद आ गई है. अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे की तरफ से 7 फरवरी को मेरा संविधान, मेरा स्वाभिमान नाम से एक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है, जिंसको कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य्क्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे. दिल्ली में होने वाले इस राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि इसमें देशभर से अल्पसंख्यक समाज के लोग हिस्सा लेंगे.

कांग्रेस का दावा है कि इस अधवेशन में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुद्दों को उठाया जाएगा. कांग्रेस लगातार इस कोशिश में लगी है कि अल्पसंख्यक समाज को वो अपनी तरफ लुभाए क्योंकि यूपी में सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन होने के बाद से ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं.

यूपी समेत कई प्रदेश ऐसे हैं, जहां कई लोकसभा सीट पर अल्पसंख्यक समाज के लोग निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. आज़ादी के बाद से ही अल्पसंख्यक समाज का बड़ा तबका कांग्रेस को वोट देता रहा है, लेकिन अब हालात बदल गए है और सभी राज्यों में क्षेत्रीय दलों के मजबूत होने की वजह से अल्पसंख्यक समाज का वोट कांग्रेस से खिसका है. यही वजह है, अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले इस कोशिश में लगी हैं कि ये वोट बैंक किसी तरह वापस लाया जाए.

इस अधिवेशन का आयोजन कांग्रेस का राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा कर रहा है. कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चे और मोर्चे के राष्ट्रीय अध्य्क्ष नदीम जावेद पिछले कुछ दिनों से विवादों में रहे है. एक उर्दू अख़बार ने कुछ महीनों पहले राहुल गांधी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों की मुलाक़ात का हवाला देकर ख़बर प्रकाशित की थी जिसमें राहुल गांधी ने मुलाकात के दौरान कहा कि “कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है”.

इस बयान के एक दिन बाद कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्य्क्ष नदीम जावेद ने ये कहकर सियासत गर्मा दी थी, कि जो राहुल गांधी ने कहा, वो सही है क्योंकि वो उस वक़्त मौके पर मौजूद थे, लेकिन बाद में विवाद बढ़ा तो सफाई देकर बयान से किनारा कर लिया.

यही नहीं कुछ दिन पहले ही अल्पसंख्यक विभाग के एक कार्यक्रम में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार और शेहला राशिद को न्यौता दिया गया था, जिस पर पार्टी की किरकिरी हुई, तो दोनों के नाम को हटा दिया गया था. इससे पहले नदीम जावेद पर कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने करोड़ों रुपये लेने का इल्जाम लगाया था और उनके साथ हाथापाई तक कर दी थी.

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