रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पुलिस द्वारा गैरकानूनी हिरासत के दौरान पिता की पिटाई की गई, जिसे देखकर 23 वर्षी दुखी बेटे ने ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर ली। इस मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है और छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है और मामले में 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि, यदि यह घटना सत्य है, तो ये पीड़ितों के जीवन और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन है।
NHRC notice to the Director General of Police, Chhattisgarh over reported suicide by a young man, who could not bear the humiliation of merciless beating of his father by police during unlawful detention in Bilaspur district. For details at https://t.co/wdIkcKqkBK@ANI@PTI_News
— NHRC India (@India_NHRC) December 1, 2022
आयोग ने मामले में कहा-
बाइक से किसी को टक्कर मारने का एक मामूली मुद्दा, लेकिन पुलिस द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के कारण न केवल अवैध रूप से पीड़ित के पिता को हिरासत में लिया, बल्कि उन्हें गंभीर रूप से पीटा भी। वहीं बेटे ने अपने पिता को पुलिस से पिटते हुए देखा तो अपमान सहन नहीं हुआ और शमिंर्दगी के मारे उसने आत्महत्या कर ली। आयोग ने कहा कि पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है।
इस पूरे मामले में आयोग ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं। वहीं आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अपने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके की पुलिस ने कानूनों का उलंघन किया है या नहीं। इन्हें 2 महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।