विधानसभा चुनाव करवाने वाले कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगी लोकसभा चुनाव में, जुगाड़ से छूट जाते है कुछ कर्मचारी चुनावी कार्य से
दिनेश गुप्ता
दंतेवाड़ा। चुनावी प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित कर्मचारियों के बीच पूर्व में विधानसभा चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की ही ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगाया जाना आम चर्चाओं का विषय रहा। कर्मचारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव कार्य से छूटे हुये कर्मचारियों को इस बार भी चुनावी कार्य से दूर रखा गया है।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि अधिकारी, कर्मचारी उच्च अधिकारियों से अपनी पहुंच का फायदा उठाकर अपनी चुनावी ड्यूटी निरस्त कराई है। जिसके कारण विधानसभा चुनाव कार्य किये कर्मचारियों को ही लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लगायी जा रही है। कर्मचारियों ने चर्चा के दौरान यह भी बताया कि अनेक कर्मचारियों का नाम विहित विभाग प्रमुखों द्वारा निर्वाचन शाखा में नहीं भेजा जाता है। जिसके कारण ऐसे कर्मचारियों का नाम हर बार चुनाव में छोड़ दिया जाता है।
इधर 55 साल से भी अधिक उम्र के कर्मचारियों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव के प्रशिक्षण कार्य मे लगायी गयी है। कुछ कर्मचारी चुनाव प्रशिक्षण कार्य में तो उपस्थित होते हैं किन्तु निर्वाचन कार्य से अपने आपको पृथक कर लेते हैं। इस तरह से जो कर्मचारी एक बार निर्वाचन कार्य मे संलग्न होते है उन्ही कर्मचारियों का बार बार निर्वाचन कार्य मे ड्यूटी लगायी जाती है और जिन कर्मचारियों की की ड्यूटी नहीं लगती है वो बिना किसी विदित कारण के निर्वाचन कार्य से हर बार मुक्त रहते हैं।
कहा जा रहा है कि जुगाड़ का खेल निर्वाचन शाखा में व्याप्त है। ऑफिस में बैठे लोगों की ड्यूटी केवल वितरण कार्य मे लगाई जाती है, उनको चुनावी कार्य हेतु पोलिंग बूथों में नहीं भेजा जाता है इसके लिए भी कर्मचारियों में असंतोष रहा। इसके अतिरिक्त चुनाव प्रशिक्षण कार्य रविवार के दिन रखने से भी कर्मचारियों में असंतोष है।