
रायपुर। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कुलपति और कुलसचिव की सरकारी गाड़ी जब्त की गई है। अब एसी, फर्नीचर यहां तक की कुर्सियां भी बिकेगी। दरअसल, किसानों की जमीन के मुआवजे के मामले में मंगलवार को रविवि की चल संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई की गई। इसमें अफसरों की गाड़ियों को कुर्क किया गया।
विवि के अफसरों का कहना है कि मुआवले की राशि बहुत बड़ी है। विवि इसे देने में असमर्थ है। शासन से राशि की मांग की गई थी। वहां से नहीं मिली। मंगलवार को कुर्की की कार्रवाई को लेकर उच्च शिक्षा के अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। वहां से जैसा निर्देश मिलेगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी कुछ किसानों के मुआवजे को लेकर रविवि में कुर्की की कार्रवाई की गई है। कुछ दिनों में कुर्की से संबंधित और भी कार्रवाई हो सकती है। इस बार एसी, फर्नीचर, टेलीफोन, अलमारी यहां तक की कुर्सियां भी जब्त की जा सकती है। विवि के अफसरों का कहना है कि कुर्की रोकने को लेकर और तीन गाड़ियों की जो जब्ती हुई है उसे मुक्त करने के लिए न्यायालय से निवेदन किया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को आवेदन किया जाएगा।
सरकारी गाड़ी नहीं तो कुलसचिव स्कूटी से पहुंचे विवि
कुलपति-कुलसचिव की सरकारी गाड़ियां मंगलवार को जब्त की गई। बुधवार को यह दोनों अफसर अपनी-अपनी गाड़ियों से विवि पहुंचे। कुलपति अपनी निजी कार से दफ्तर पहुंचे। जबकि कुलसचिव स्कूटी से विवि आए।
मुआवजे का मामला 17 साल पुराना
वर्ष 2004-05 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। किसानों को जमीन का मुआवजा दिया गया। यह जमीन शासन ने रविवि को दी। कुछ वर्षों बाद 31 किसान जमीन का मुआवजा कम मिलने को लेकर कोर्ट चले गए। 2017 में कोर्ट से यह निर्णय दिया कि किसानों का और मुआवजा दिया जाए। इसे लेकर रविवि ने शासन से मुआवजे की राशि मांगी। लेकिन शासन ने पैसे देने से इंकार कर दिया। विवि के अफसरों ने बताया कि मुआवजे की राशि शासन से नहीं मिलने के बाद यह तय किया गया कि जमीन संबंधित लोगों को वापस कर दी जाए। इसके लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया। वहां से भी जवाब नहीं आया।