नकली दरोगा फ़िल्मी स्टाइल में कर रही थी वसूली, लोगों को शक हुआ तो देने लगी उलटे सीधे जवाब

उत्तर प्रदेश. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक आरोपी महिला मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के जितवापुर गांव की रहने वाली है। नकली महिला दरोगा ने पुलिस को अपना नाम रेखा तिवारी बताया है। उसकी शादी कुशीनगर जिले में हुई है। गुलरिहा थाना क्षेत्र स्थित मेडिकल कॉलेज के पीछे नारायणी कॉलोनी में वह किराए का मकान लेकर रहती है।
पुलिस ने बताया कि नकली महिला दरोगा अपनी सहयोगी युवती के साथ महाराजगंज चौराहे पर वसूली अभियान में जुटी थी। लोगों ने इसकी सूचना सरहरी पुलिस चौकी को दी। पुलिस पहुंची तो दरोगा की वर्दी पहनी महिला भागने लगी। पुलिसकर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। जब उससे आईडी कार्ड मांगा, साथ ही उसके तैनाती स्थल के विषय में पूछताछ की तो वो इसका जवाब नहीं दे सकी। पुलिस को मालूम चला कि महिला फर्जी दरोगा बनकर लोगों को रौब दिखाकर पैसा वसूलते थी।
चौकी में भी रौब बताया मै खुद दरोगा
आरोपी महिला ने बताया कि वह कुछ दिन पहले सरहरी क्षेत्र में किराए के मकान में रहती थी। वहां दो पक्ष में विवाद हुआ तो वह एक पक्ष की सिफारिश लेकर पुलिस चौकी पर पहुंची। चौकी पर उसने अपना परिचय दूसरे जिले में तैनात दरोगा के रूप में दिया। पुलिसकर्मियों ने जब उससे बातचीत के दौरान बैच के विषय में पूछा तो उसने बताया कि मैं डायरेक्ट दरोगा नहीं बनी थी, वह प्रमोट करके रैंकर दरोगा बनी है। उसके बाद वहां के स्थानीय लोग भी उस पर कुछ शक करने लगे तो उसने मकान को बदल दिया और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पीछे नारायणी कॉलोनी में रहने लगी।
पुराने अपराध की जांच कर रही पुलिस
मामले में सिटी एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि दरोगा की वर्दी पहनकर वसूली करने वाली रेखा तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है। इस मामले में बिहार पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा और कुछ अपराधिक गतिविधियों की जानकारी होने पर साक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कब तक चलेगा पटवारियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन….