छत्तीसगढ़

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि…

महाशिवरात्रि का त्योहार आज मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन शिव-पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे। आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि का आज शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और पूजन का चार पहर का समय।

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत आज रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और तिथि का समापन आज शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि का पूजन निशिता काल में ही किया जाता है।

निशिता काल – 8 मार्च, रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर 9 मार्च को रात 12 बजकर 56 मिनट तक

रात्रि प्रथम पहर पूजन समय– 8 मार्च, आज शाम 6 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा और समापन रात 9 बजकर 28 मिनट को होगा।

रात्रि दूसरा पहर पूजन समय– 8 मार्च, आज रात 9 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और समापन 9 मार्च यानी कल रात 12 बजकर 31 मिनट पर होगा।

रात्रि तीसरे पहर पूजन समय– 9 मार्च, कल रात 12 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और समापन सुबह 3 बजकर 34 मिनट पर होगा।

रात्रि चौथा पहर पूजन समय– 9 मार्च, कल सुबह 3 बजकर 34 मिनट पर होगा से लेकर सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक।

महाशिवरात्रि शुभ संयोग

इस बार की महाशिवरात्रि पर ग्रह पांच राशियों में होंगे। चंद्र और मंगल एक साथ मकर राशि में होंगे। यह संयोग लक्ष्मी नामक योग बना रहा है। इसलिए इस बार शिवरात्रि पर धन संबंधी बाधाएं दूर की जा सकती हैं। चंद्र और गुरु का प्रबल होना भी शुभ स्थितियां बना रहा है। इस बार की शिवरात्रि पर रोजगार की मुश्किलें भी दूर की जा सकती हैं। साथ ही आज शुक्र प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि पूजन विधि

महाशिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें। फिर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव शंकर के आगे व्रत का संकल्प लें। संकल्प के दौरान उपवास की अवधि पूरा करने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें। फिर शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें। इसके बाद रोली, सिन्दूर, चावल, फूल, जनेऊ, वस्त्र, धूपबत्ती, सप्तधान्य यानी सात तरह के धान, बेलपत्र, आंकड़े के फूल, धतूरे के फूल, आदि सामग्री को एकत्रित कर लें और साथ में गाय का घी, दही, दूध और मेवा आदि से पंचामृत बनाएं। फिर मंदिर जाकर उस पंचामृत से भगवान शंकर को स्नान कराएं। इसके बाद केसर डालकर जल चढ़ाएं और अखंड ज्योत जलाएं। इसके बाद भगवान शिव के मंत्र “ऊं नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को क्या चढ़ाएं

इस दिन शिव जी को तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाएं. शंकर भगवान को भांग बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। धतुरा और गन्ने का रस शिव जी को अर्पित करें। इससे जीवन में सुख बढ़ता है। जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. इससे मन की अशांति दूर होती है।

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