रायपुर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने अंग्रेजों से माफी मांगने को लेकर विनायक दामोदर सावरकर की आलोचना का जवाब दिया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि “महात्मा गांधी के कहने पर ही वीर सावरकर ने क्षमा याचिका दाखिल की थी. इसपर पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुस्कुराते हुए बयान दिया है.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि उस समय महात्मा गांधी वर्धा में थे और सावरकर जेल में थे . तो उनका संपर्क कैसे हो सकता है. जेल में रहकर ही उन्होंने दया याचिका दी और एक बार नहीं बल्कि आधा दर्जन भर माफी मांगे। इसके साथ ही सीएम बघेल ने कहा कि एक बात है सावरकर में की माफी मांगने के बाद पूरी जिंदगी भर अंग्रेजों के साथ रहे. अंग्रेजों के खिलाफ एक शब्द नहीं बोले बल्कि अंग्रेजों का जो एजेंडा है “फूट डालो और राज करो” उस एजेंडे में काम करते रहे. और 1925 में जेल से बाहर आने के बाद दो राष्ट्र की जो बात है सबसे पहले सावरकर ने की थी. यह जो पाकिस्तान और हिंदुस्तान की बात है सावरकर ने 1925 में की थी, देश के विभाजन का प्रस्तावना सावरकर ने की और उसके बाद मुस्लिम लीग ने 1933 में किया। उन्होंने प्रस्ताव पारित किया कि दोनों जो संप्रदाय ताकत है उन्होंने देश के बंटवारे में पृष्ठभूमि का निर्माण इन्होंने किया है.
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी बुधवार को अंग्रेजों से माफी मांगने को लेकर विनायक दामोदर सावरकर की आलोचना का जवाब दिया. राजनाथ ने कहा कि “महात्मा गांधी के कहने पर ही वीर सावरकर ने क्षमा याचिका दाखिल की थी. महात्मा गांधी ने कहा था कि जैसे देश को स्वतंत्र कराने के लिए हम अभियान चला रहे हैं, उसी तरह सावरकर को आजाद कराने के लिए भी हम अभी अभियान चलाएंगे.” वीर सावरकर पर एक किताब के विमोचन के अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि “वीर सावरकर न तो फासीवादी थे, न नाजीवादी थे, वे केवल यथार्थवादी और राष्ट्रवादी थे.”
Speaking at the Book Launch event of ‘Veer Savarkar: The Man Who Could Have Prevented Partition’. Watch https://t.co/5rfIZ6B4qH
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2021