रायपुर। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की रिपोर्ट आई है. जिसमें पूरे देश में छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिलाएं शराब पीने में तीसरे नंबर पर हैं. इसके साथ ही तंबाकू खाने में भी प्रदेश की महिलाएं आगे हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS 5) 2019-21 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. प्रदेश की महिलाओं ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है. छत्तीसगढ़ में 17.3 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन करती है. और 5.0 प्रतिशत महिलाएं शराब की आदि हैं. जबकि मध्यप्रदेश में 10.2 प्रतिशत महिलाएं खाती है तंबाकू और 1.0 महिलाएं शराब का सेवन करती है. वहीं उत्तरप्रदेश में 8.4 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन करती है, 0.3 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं.
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश में राजनीती भी शुरू हो गई है. जिसपर बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुये कहा है सरकार वादा खिलाफी कर रही है. तो वहीं कांग्रेस ने NFHS की रिपोर्ट को ही सीधे खारिज कर दिया है.
बीजेपी महिला मोर्चा, रायपुर जिला अध्यक्ष सीमा साहू ने कहा है, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के जनता से पूर्ण शराबबंदी करेंगे का वादा किया था. लेकिन गांव-गांव कस्बे कस्बे में शराब की बिक्री कर रही है. जिससे महिलाओं और बच्चों पर शराब का असर पड़ा है. महिलाऐं शराब का सेवन करने लगी है. इसका पूरा श्रेय छत्तीसगढ़ सरकार को जाता है और छत्तीसगढ़ में शराबबंदी कर दिया जाए.
वहीं इस पर कांग्रेस की ओर से भी जवाब आया है. कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने NFHS की रिपोर्ट को कांग्रेस ने सीधे-सीधे खारिज कर दिया है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, हमारा मानना है कि इससे सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ की महिलाओं को अपमानित करने का प्रयास किया गया है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे करने वाले लोगों को मोदी जी की सरकार को कहां से हमारी महिलाएं शराबी दिख रही है. मातृशक्ति को अपमानित करने का प्रयास किया गया है. बीजेपी को नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत को इस रिपोर्ट के लिए छत्तीसगढ़ के हमारे बहनों माताओं को अपमानित करने के लिए माफी मांगने चाहिए।