
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार “सुशासन तिहार” के ज़रिए सीधे आम जनता के बीच पहुंच रही है, जहां प्रशासनिक अमला हर जिले में कैम्प लगाकर लोगों की समस्याएं सुन रहा है और समाधान की दिशा में कार्य कर रहा है। सरकार का दावा है कि यह अभियान जनता से सीधा संवाद, योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा और शिकायतों के समयबद्ध निराकरण का एक व्यापक प्रयास है।
अब तक प्रदेशभर से 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। पहले चरण में समस्याएं मंगाई गईं, दूसरे चरण में उनका प्राथमिक स्तर पर निराकरण हुआ और अब तीसरे चरण में ज़मीनी शिविरों के माध्यम से जनसुनवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री खुद औचक निरीक्षण पर निकल पड़े हैं और योजनाओं की प्रगति की परख कर रहे हैं।
हालांकि, कांग्रेस इस पहल को केवल एक ‘राजनीतिक शो’ बता रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि डेढ़ साल में 40 लाख आवेदन आना ही सरकार की विफलता का प्रमाण है। उन्होंने मुख्यमंत्री के निरीक्षण को “प्रशासनिक कसावट लाने की कवायद” बताया, न कि जनसेवा।
सियासी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह देखना अहम होगा कि क्या यह पहल सच में योजनाओं को फाइलों से निकालकर जनता तक पहुंचा पाएगी, या फिर यह भी राजनीतिक मंच का एक और आयोजन बनकर रह जाएगी।