देश-विदेश

मंत्रिमंडल ने कैंसर शोध पहल पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

मंत्रिमण्‍डल:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कैंसर शोध पहल पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को अपनी मंजूरी दे दी है। इस समझौता ज्ञापन पर 14 नवंबर, 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे।

विवरणः

भारत-ब्रिटेन कैंसर शोध पहल क्लिनिकल शोध, जनसांख्यिकी शोध, नई टेक्नोलॉजी और शरीर विज्ञान के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के अग्रणी विशेषज्ञों को साथ लाकर किफायती, रोकथाम तथा कैंसर देखभाल जैसी शोध चुनौतियों की पहचान करेगी। यह पहल नये शोध गठजोड़ विकसित करने में पहल करेगी और कैंसर परिणामों के विरूद्ध प्रगति को सक्षम बनाने में प्रभावी शोध कार्य करेगी।

धन पोषण व्यवस्थाः

5 वर्षों में इस पहल के लिए कुल शोध धनकोष 10 मिलियन पाउंड (लगभग 90 करोड़ रुपये) का होगा। इस कोष में कैंसर रिसर्च यूके (सीआरयूके) की हिस्सेदारी 5 मिलियन पाउंड (लगभग 45 करोड़ रुपये) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग की हिस्सेदारी भी 5 मिलियन पाउंड (लगभग 45 करोड़ रुपये) की होगी। दोनों की बराबर निधियां वित्त वर्ष प्रारंभ होने के समय जारी दरों के अनुसार होंगी।

प्रभावः

कैंसर परिणामों में सुधार के उद्देश्य के साथ प्रौद्योगिकी, बायोमेडिकल, क्लिनिकल तथा फार्मास्युटिकल नवाचारों में वृद्धि के बावजूद कैंसर देखभाल पर बढ़ते खर्च को पूरा करने में विश्व की बोझ से दबी स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से लैस नहीं हो पाएगी। भारत-यूके कैंसर शोध पहल ने श्रेष्ठ शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य सेवा संगठनों तथा संस्थानों को एक-दूसरे से जुड़ने में सहयोग के लिए रूपरेखा तय की है, ताकि कैंसर देखभाल के लिए उच्च मूल्य और कम लागत के बहु-विषयक शोध मंच तैयार हो सके।

इस पहल के माध्यम से डॉक्टोरल, पोस्ट डॉक्टोरल स्तर के शोधकर्ताओं और प्रारंभिक केरियर के वैज्ञानिकों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे शोधकर्ता न केवल अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित किए जाएंगे, बल्कि उन्हें आवश्यक नेतृत्व और परियोजना प्रबंधन कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें अकादमिक क्षेत्र और संबंधित बायो-फार्मा उद्योग में निश्चित अवधि के शोध कार्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

पृष्ठभूमिः

भारत-ब्रिटेन कैंसर शोध पहल विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा कैंसर रिसर्च यूके (सीआरयूके) का 5 वर्ष का सहयोगी द्विपक्षीय शोध कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम कैंसर के किफायती दृष्टिकोण पर फोकस करेगा। 5 वर्ष में सीआरयूके और जैव प्रौद्योगिकी विभाग दोनों 5-5 मिलियन पाउंड (लगभग 45 करोड़ रुपये) का निवेश करेंगे और संभावित धन देने वाले सहयोगियों से आगे निवेश की कोशिश करेंगे।

भारत-ब्रिटेन कैंसर शोध कार्यक्रम की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 18 अप्रैल, 2018 की ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा जारी संयुक्त वक्तव्य में की गई थी। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया था कि “उन्नतशील लोकतंत्र के रूप में हम घनिष्टता के साथ काम करने की इच्छा साझा करते हैं और उन सभी के साथ घनिष्टता के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त करते हैं जो सहमत अंतर्राष्ट्रीय तौर-तरीकों, वैश्विक शांति और स्थिरता मर्यादित करने वाली नियम आधाऱित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को समर्थन देने में हमारे उद्देश्यों को साझा करते हैं। एक साथ भारत और ब्रिटेन एक अनिश्चित विश्व में अच्छाई के लिए एक शक्ति हैं।

हम वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा करते हैं। भारत का जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा कैंसर रिसर्च यूके 10 मिलियन पाउंड (लगभग 90 करोड़ रुपये) की द्विपक्षीय शोध पहल लांच करने का प्रस्ताव करते हैं, जो कैंसर के इलाज के लिए कम लागत पर फोकस करेगी”।

Tags

Editorjee News

I am admin of Editorjee.com website. It is Hindi news website. It covers all news from India and World. I updates news from Politics analysis, crime reports, sports updates, entertainment gossip, exclusive pictures and articles, live business information and Chhattisgarh state news. I am giving regularly Raipur and Chhattisgarh News.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close