क्राइमदेश

शराब की सप्लाई के लिए तस्कर कर रहे कोडवर्ड का इस्तेमाल, ‘आधा किलो दूध’, ‘बड़ा डॉन’ जैसे हैं कई नाम, जानकार आप भी रह जाएंगे दंग

पटना। बिहार में पूर्ण रूप से शराब प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद शराब का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. हाल ही में चार जिलों मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. राज्य में शराब बैन होने के बाद से शराब माफियाओं ने शराब का सप्लाई करने के लिए एक ऐसा तरीका खोज लिया हैं. जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।

जहां शराब तस्कर शराब आपूर्ति के लिए बाकायदा कोडिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं. शराब को आधा किलो दूध, बड़ा डॉन, भगवान राम, श्रीकृष्ण, छोटा डॉन, चवन्नी-अठन्नी सहित अलग- अलग कोडवर्ड से सप्लाई की जाती है.

शराब तस्कर मुजफ्फरपुर में तो भगवान के नाम का इस्तेमाल कर शराब आपूर्ति में जुटे हुए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी जिलों के शराब तस्करों में अलग-अलग कोडिंग है, जो सप्ताह और 15 दिन बाद बदलते रहते हैं, जिससे पुलिस वालों को भी भनक नहीं लग सके. मुजफ्फरपुर में चौक-चौराहों पर शराब पीने वाले लोग ‘राम’ बोलने के बाद शराब तस्कर रम की पहुंचाते हैं और ‘कृष्ण’ बोलने के बाद व्हिस्की पहुंचाते हैं. बताया जाता है कि ‘छोटा डॉन’ और ‘बड़ा डॉन’ बोलने से शराब तस्करों को शराब की मात्रा का पता चल जाता है.

तस्कर की माने तो इस कोडिंग से उन्हें पुलिस वालों में बचने में मदद मिलती है. वहीं गोपालगंज जिले की बात करें तो यहां कोडिंग ‘चवन्नी’, ‘अठन्नी’ है, जिससे शराब तस्कर शराब की आपूर्ति करते हैं. जिलों में शराब पीने से हो रही लोगों की मौत की बाद पुलिस छापेमारी में कोडवर्ड के जरिये शराब की सप्लाई करने का खुलासा हुआ है. गोपालगंज में शराब धंधेबाजों और ग्राहकों के बीच ‘चवन्नी-अठन्नी’ और ‘आधा किलो दूध’ कोडवर्ड मशहूर है.

चवन्नी का कोडवर्ड 30 रुपये में बिकनेवाली 100 एमएल की देसी पाउच है जबकि अठन्नी का कोडवर्ड 150 रुपये में बिकने वाली ‘बंटी-बबली’ थी. अगर किसी नए ग्राहक को शराब चाहिए होता है तो उसे पुराने ग्राहक के माध्यम से ही आना होता है. तस्कर इतने चालक हैं कि क्षेत्र में पुलिस की गश्ती के लिए भी कोडवर्ड ‘आधा किलो दूध’ का इस्तेमाल किया जाता है. इस कोडवर्ड से शराब ग्राहक और धंधेबाज दोनों सचेत व सतर्क हो जाते हैं.

बताया जाता है कि गोपालगंज में अधिकांश शराब उत्तर प्रदेश से सप्लाई होते हैं. पुलिस से बचने के लिए उत्तर प्रदेश से शराब लाने के लिए धंधेबाज बेतिया के सीमा से लगे दियरा व बलुआ रास्तों का भी उपयोग करते हैं.

बता दें कि राज्य में कथित तौर शराब से हुई मौतों के बाद शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री ने 16 नवंबर को समीक्षा की घोषणा की है. अब यह देखने वाली बात होगी कि इस समीक्षा के बाद शराब तस्करों पर किस तरह से नकेल कसती है.

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