कांग्रेस सरकार के वादा खिलाफी से नाराज अनियमित कर्मचारियों के रैली को नियमित कर्मचारी संघों का समर्थन
रायपुर। मुख्यमंत्री द्वारा एक साल बाद नियमितीकरण के आश्वासन से असंतुष्ट, अनियमित अधिकारी कर्मचारियों के महासंघ छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ द्वारा 24 फरवरी को विशाल रैली एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव को अब नियमित कर्मचारी संगठनों का नैतिक समर्थन मिल गया है।
महासंघ के प्रदेश महासचिव कमलेश सिन्हा ने बताया कि 24 फरवरी के कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, संचालनालयीन कर्मचारी संघ, शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ का समर्थन प्राप्त हुआ है। इनके अतिरिक्त 25 विभिन्न अनियमित कर्मचारी संगठनों का भी समर्थन मिला है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री विजय कुमार झा ने बताया कि सेवानिवृत्त संविदा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के पश्चात संविदा, दैनिक वेतन भोगी, प्लेसमेंट, जॉबदर, अंशकालीन, कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाता है तो इससे सरकार पर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आएगा।
शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवलाल भारती का कहना है कि जब तक नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती तब तक सभी अनियमित कर्मचारियों को निकाले जाने का भय समाप्त कर 62 वर्ष नौकरी करने का अवसर, तुरंत प्रदान किया जाना चाहिए।
विभिन्न अनियमित कर्मचारी संगठनो के समर्थन मिलने से उम्मीद की जा रही है कि कार्यक्रम में 40 हज़ार से अधिक की संख्या में लोग आयेंगे और अपनी मांगों को दृंढता के साथ अपनी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे।
महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्रा, प्रवक्ता ग्वालाराम यादव, शैलेन्द्र चंद्राकर, अरुण वैष्णव, कमलेश साहू के अनुसार 24 फरवरी के कार्यक्रम हेतु पुलिस प्रशासन से अनुमति प्राप्त हो चुकी है। महासंघ में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी के अनियमित कर्मचारी शामिल हैं, जो कई वर्षों से पूर्ण लगन एवं निष्ठा के साथ विभिन्न शासकीय कार्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी द्वारा नियमितीकरण हेतु 1 वर्ष का समय और लगने की बात कहने से सभी कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। काँग्रेस के वचन पत्र में अनियमित, संविदा व दैनिक वेतन भोगी की छटनी नही किये जाने का उल्लेख किया गया है।
परंतु शासकीय विभागों, निगम, मंडलो व प्राधिकरणों में छटनी लगातार जारी है व शासन नये विज्ञापन जारी कर सीधी भर्ती की प्रक्रिया आरम्भ कर दिया है। महासंघ ने लोकसभा चुनाव के पूर्व 62 वर्ष तक वित्तीय सुरक्षा देते हुए तत्काल सीधी भर्ती पर रोक लगाने व उन रिक्त स्थानों मे अनियमित कर्मचारियों को निकाले जाने का भय समाप्त कर 62 वर्ष नौकरी करने का अवसर, तुरंत प्रदान किया जाना चाहिए।