सूरजपुर। सूरजपुर में आज छत्तीसगढ के राज्यपाल अनुसुइया उइके प्रवास पर पहुंची। जहां सूरजपुर के पंडोनगर स्थित राष्ट्रपति भवन मे पंडो समुदाय द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे शिरकत की. वही पंडो समुदाय के लोगों ने राज्यपाल का भव्य स्वागत किया गया.
राज्यपाल अनुसुइया उइके के सूरजपुर प्रवास के दौरान राष्ट्रपति भवन के दौरे के बारे मे सुनकर आप भी हैरत में पड़ गए होंगे। दरअसल, यह दिल्ली का राष्ट्रपति भवन नहीं है. बल्की, पंडोनगर में सन 1952 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अविभाजित सरगुजा के दौरान यहां एक रात गुजारे थे. और वनांचल में रहने वाले पंडो जनजाति के लोगों को दत्तक पुत्र बनाए थे. जिनके याद में पंडो समुदाय के लोगों ने इस स्थान को राष्ट्रपति भवन के रुप मे तैयार कर उनकी यादे ताजा रखे हुए है. ऐसे में छत्तीसगढ के राज्यपाल अनुसुइया उइके के स्वागत मे पंडो जनजाति के लोगों ने कार्यक्रम आयोजित कर उनका स्वागत किया। पंडो समुदाय के लोगों का स्नेह प्रेम देख राज्यपाल भी बेहद खुश हुई.
पंडोनगर के राष्ट्रपति भवन मे राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पहुंचकर अपने स्वेच्छा अनुदान से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस सौगात में दिए. और प्रथम राष्ट्रपति के याद में बने राष्ट्रपति भवन पहुचने पर खुद को सौभाग्यशाली बताया। वहीं पंडो जनजाति को सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रशासनिक पहल करने की बात किए. ऐसे में पंडो समुदाय के लोगों ने अपने समाज के उत्थान के लिए पहल करने कि बात पर राज्यपाल अनुसुइया उइके को धन्यवाद देते नजर आए. साथ ही प्रथम राष्ट्रपति के आने के 70 साल बाद किसी राज्यपाल को अपने बीच पाकर पंडो समुदाय बेहद खुश नजर आए.
बहरहाल, जिला प्रशासन तो केवल फाइल और कागजो तक ही पंडो समुदाय के उत्थान के दावे कर अपनी वाहवाही लुटते नजर आते है. ऐसे मे राज्यपाल के आश्वासन के बाद बदहाली कि जिंदगी बिताते इन पंडो समुदाय के उत्थान कि फिर एक बार आस जगते नजर आ रही है.