
बिलासपुर लोक निर्माण विभाग के अनुविभाग एक में हुए भ्रष्टाचार के मामले में एनएसयूआई अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर जिद पर अड़ गई है. एनएसयूआई की टीम आज चीफ इंजीनियर के ऑफिस पहुंचे जहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की. एनएसयूआई ने पहले ही अपने आंदोलन को लेकर चीफ इंजीनियर को जानकारी दे रखी थी और लगातार कार्रवाई की मांग कर रही थी, लेकिन प्रशासन द्वारा सिर्फ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर कार्रवाई हो जाने के बाद एनएसयूआई के द्वारा अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी.
बता दें कि कुछ महीने पहले महामहिम राष्ट्रपति का बिलासपुर आगमन हुआ था. जिसमें व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के ऊपर थी, लेकिन इन व्यवस्थाओं के पीछे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया था. 6 लाख की पेंटिंग से लेकर 30 लाख रुपए के कांच के बर्तन विभागीय अधिकारियों द्वारा खरीदे गए थे. इतना ही नहीं एक करोड रुपए का अधिकार भवन में टेंट लगवाया गया था. जबकि सारे कामों के लिए टेंडर जारी किया जाना था, लेकिन तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर गंगेश्री और अन्य अधिकारियों ने बिना टेंडर के ही काम दे दिया था. इतना ही नहीं आंख बंद कर बिल से अधिक राशिया बांटी गई.
इसी भ्रष्टाचार की पूरी लिस्ट को लेकर एनएसयूआई ने पिछले दिनों चीफ इंजीनियर को ज्ञापन सौंपा था और विभाग में पदस्थ सब इंजीनियर और एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी लेकिन उनकी यह मांग को दरकिनार कर दिया गया था. जिसके बाद आज एनएसयूआई के टीम पीडब्ल्यूडी विभाग के चीफ इंजीनियर के आफिस पहुंची थी जहां चीफ इंजीनियर को नहीं पाकर एनएसयूआई के लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. मौके पर पहुंची सिविल लाइन पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों को रोकने की लाख कोशिश की, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले एनएसयूआई के युवा कार्यकर्ता नहीं माने और उन्होंने सीई के दफ्तर के सामने बैठकर जमकर नारेबाजी की.