बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 76 प्रतिशत आरक्षण को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसी बीच छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने भर्ती के लिए 50 फीसदी का रोस्टर लागू कर हाईकोर्ट में भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है।
चीफ जस्टिस एके गोस्वामी के आदेश पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरविंद कुमार वर्मा ने अधिसूचना जारी कर हाई कोर्ट में विभिन्न पदों पर होने वाली भर्ती के लिए 50 फीसद आरक्षण नियम को लागू कर दिया है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि हाई कोर्ट में होने वाली भर्ती वर्ष 2012 के आरक्षण नियम के अनुसार होगी। आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट में दायर अलग-अलग जनहित याचिका पर जब फैसला आएगा तब यह भर्ती प्रक्रिया भी कोर्ट के निर्णय से बाधित रहेगी।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इतिहास में यह पहली बार है जब हाईकोर्ट ने अपने फैसले को कोर्ट के अलग-अलग कामकाज के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया में लागू करने की सख्ती दिखाई है। इस आदेश के साथ यह भी संदेश देने की कोशिश की गई है कि राज्य शासन के विभिन्न विभागों में आरक्षण रोस्टर को लेकर अटकी हुई भर्ती प्रक्रिया को वर्ष 2012 में लागू आरक्षण नियम और प्रक्रिया के अनुसार पूरी की जाए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में स्टाफ कार ड्राइवर लिफ्टमैन और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के 114 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जानी है इसके लिए रजिस्ट्रार जनरल ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया 50 फीसदी आरक्षण के नियमों के अनुसार की जाएगी। इसी के अनुसार भर्ती के लिए रोस्टर भी जारी किया जा रहा है। जिसमें एससी के लिए 16 प्रतिशत, एसटी के लिए 20 प्रतिशत और ओबीसी के लिए 14 प्रतिशत पद आरक्षित हैं। हाईकोर्ट में प्रारंभ हो रही इस भर्ती प्रक्रिया से प्रदेश के विभिन्न विभागों में आरक्षण को लेकर बनी हुई संसय की स्थिति भी खत्म होगी।
अब इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्या हाईकोर्ट में भर्ती की राह पर चलते हुए अन्य विभागों में भी में 50 फीसदी आरक्षण के आधार पर भर्ती हो सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले इ पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।