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बड़ी खबर : प्रदेश भर के संविदा और दैवेभो कर्मचारी कल करेंगे प्रदर्शन, आत्महत्या किये साथी के मुआवजे और नौकरी की सुरक्षा की मांग को लेकर मंत्रालय तक निकाला जाएगा न्याय पद यात्रा

रायपुर। छत्तीसगढ़ संविदा कर्मचारी संघ ने शासन-प्रशासन द्वारा संविदा कर्मचारियों की छटनी के जारी पत्र पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शासन-प्रशासन अप्रत्येक्ष रूप से छटनी की मंशा बनाकर जनहित के नाम पर कर्मचारियों के लिए एक विचित्र प्रकार का पत्र जारी करता है। जिसमें मंशा दिखाई पड़ती है कि शासन प्रशासन अपनी मनमानी करने के लिए बहाने ढूंढ रहा है। इसके साथ ही संघ ने कहा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की छटनी कर दी गई जिससे हताश होकर उसने आत्महत्या कर ली है। संघ ने कहा बहुत सारी घटनाए दिखाई दे रही है। इन सभी मुद्दों को लेकर संघ ने प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।

जहां कल यानी 23 सितम्बर को रायपुर के निमोरा से नवा रायपुर मंत्रालय तक एक श्रद्धांजलि और न्याय पद यात्रा करने का निर्णय लिया है।

छत्तीसगढ़ सर्वसंविदा कर्मचारी महासंघ के सचिव श्रीकांत लाश्कर ने मंगलवार को नया रायपुर स्थित कैपिटल परिसर में फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले योगेश वानखेड़े के साथ अधिकारियों द्वारा की गई प्रताड़ना के विरोध में साथी के परिजनों को मुआवजे और परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय नौकरी की मांग करते हुए, मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित किया गया हैI ज्ञातव्य हो कि खाद्य विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में वाहन चालक के पद पर कार्यरत योगेश वानखेड़े ने मंगलवार को कैपिटल काम्प्लेक्स स्थित पार्किंग एरिया में फांसी लगा कर जान दे दी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक को विगत चार माह से वेतन प्राप्त नहीं हुआ था तथा उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया था।

महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि ये विडम्बना ही है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी रुख दिखा रही है। विगत दिनों सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भी जनहित के कार्य जारी रखने संबंधी एक पत्र विभागों को जारी किया है जिसमें हडताल आदि कारणों से अनुपस्थित संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर उन पदों पर नई भर्ती के लिए लिखा गया है। ये हैरत की बात है कि संविदा कर्मचारियों को सरकार ने जनता मानने से भी इंकार कर दिया है, जिस पत्र का विषय ही जनहित से संबंधित है उसीमें आमजनता के एक धड़े की रोजी-रोटी छिनने के निर्देश दिए गए हैं। स्पष्ट है कि प्रदेश में लालफीताशाही अपने चरम पर है, अफसर राजनेताओं के आदेशों-निर्देशों और सरोकारों की अवहेलना करने में लगे हुए हैं।

तिवारी ने बताया कि शहीद साथी वानखेड़े को न्याय दिलाने के लिए सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ कटिबद्ध है और किसी भी कीमत पर न्याय हासिल किया जाएगाI उन्होंने मांग की कि मृतक के परिजनों को अनुकम्पा अनुग्रह राशि के रूप में रु. 50 लाख तत्काल प्रदान किए जाएँ तथा परिवार में से किसी एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए ताकि हमारे शहीद साथी के परिजन भुखमरी की स्थिति में ना पहुँच जाएं। यह सरकार का कर्तव्य है कि वो अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करे, चाहे नागरिक एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हो या नियमित शासकीय सेवक या फिर सामान्य नागरिक ही हो।

दो दिवस के भीतर शहीद वानखेड़े को न्याय प्राप्त नहीं होने पर इसे बलपूर्वक दिलाने के लिए सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ 23 सितम्बर से आन्दोलन करेगा। तिवारी ने पूरे प्रदेश से संविदा कर्मचारियों को नया रायपुर स्थित धरनास्थल पर एकत्र होने की अपील की है। उन्होंने बताया कि इसके बाद एक रैली के रूप में जाकर वे और उनके साथी मंत्रालय में मुख्य सचिव महोदय को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपेंगे।

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