बड़ी खबर

पाकिस्तान में जैश के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला कर सेना ने ट्वीट की दिनकर की यह कविता

पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. भारतीय वायु सेना ने मिराज लड़ाकू विमानों से LoC पार कर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बमबारी की है. बताया जा रहा है कि भारत के इस कार्रवाई में 200 से 300 तक आतंकवादी मारे गए हैं.

‘क्षमाशील हो रिपु-समक्ष
तुम हुए विनीत जितना ही,
दुष्ट कौरवों ने तुमको
कायर समझा उतना ही।

सच पूछो, तो शर में ही
बसती है दीप्ति विनय की,
सन्धि-वचन संपूज्य उसी का जिसमें शक्ति विजय की।’#IndianArmy#AlwaysReady

वायुसेना की इस कार्रवाई के बाद मंगलवार को भारतीय सेना के एक ट्विटर हैंडल से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता को ट्वीट किया गया है. रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘शक्ति और क्षमा’ की कुछ पंक्तियों को अतिरिक्त महानिदेशक, जन सूचना (ADGPI) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है.

‘क्षमाशील हो रिपु-समक्ष

तुम हुए विनीत जितना ही,

दुष्ट कौरवों ने तुमको

कायर समझा उतना ही.

सच पूछो, तो शर में ही

बसती है दीप्ति विनय की,

सन्धि-वचन संपूज्य उसी का जिसमें शक्ति विजय की.’

इन पंक्ति के साथ दो हैशटैग दिए गए हैं- #IndianArmy और #AlwaysReady. इसके साथ ही एक फोटो भी लगाया गया है. जिस कविता की पंक्ति को ट्वीट किया गया है, वह पूरी कवित कुछ इस प्रकार है.

रामधारी सिंह दिनकर की कविता शक्ति और क्षमा

‘क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल

सबका लिया सहारा

पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे

कहो, कहां, कब हारा?

क्षमाशील हो रिपु-समक्ष

तुम हुए विनत जितना ही

दुष्ट कौरवों ने तुमको

कायर समझा उतना ही.

अत्याचार सहन करने का

कुफल यही होता है

पौरुष का आतंक मनुज

कोमल होकर खोता है.

क्षमा शोभती उस भुजंग को

जिसके पास गरल हो

उसको क्या जो दंतहीन

विषरहित, विनीत, सरल हो.

तीन दिवस तक पंथ मांगते

रघुपति सिन्धु किनारे,

बैठे पढ़ते रहे छन्द

अनुनय के प्यारे-प्यारे.

उत्तर में जब एक नाद भी

उठा नहीं सागर से

उठी अधीर धधक पौरुष की

आग राम के शर से.

सिन्धु देह धर त्राहि-त्राहि

करता आ गिरा शरण में

चरण पूज दासता ग्रहण की

बंधा मूढ़ बन्धन में.

सच पूछो, तो शर में ही

बसती है दीप्ति विनय की

सन्धि-वचन संपूज्य उसी का

जिसमें शक्ति विजय की.

सहनशीलता, क्षमा, दया को

तभी पूजता जग है

बल का दर्प चमकता उसके

पीछे जब जगमग है.’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close