
नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद कैदी अब बिना मतलब एक जगह से दूसरी जगह घूम नहीं पाएंगे। जेल प्रशासन ने इस पर पाबंदी लगा दी है। कैदियों को अब अपने सेल से निकालकर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए गेट पास लेना होगा।
जेल में कैदियों पर हमले और मादक द्रव्य की तस्करी रोकने के लिए जेल प्रशासन ने यह नई व्यवस्था की है। मामलों की जांच पड़ताल करने पर पता चला कि कैदी बिना किसी रोक टोक के अपने सेल से निकल जाते थे और इधर उधर घूमते रहते थे। इसी दौरान दूसरे कैदियों पर हमला कर देते थे। इसके अलावा घूमने के दौरान ही दूसरे कैदियों को मादक द्रव्य मुहैया करवाते थे। इन मामलों को संज्ञान में आने के बाद जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए कलर कोड गेट पास जारी करने का फैसला किया।
इसके साथ ही जेल में कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न कर पाएं इसके लिए जेल प्रशासन ने जेल के वार्ड में भी जैमर लागने का निर्णय लिया है। ये जैमर जेल के हाई रिस्क वार्ड में लगाए जाएंगे। इससे इन वार्डों में बंद कुख्यात कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से अब इन कैदियों पर लगाम लगाई जाएगी। वार्ड में जैमर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। भारत की सबसे बड़ी जेल में फिलहाल मोबाइल कनेक्टिविटी को बंद करने के लिए महज 3 कॉल जैमिंग टावर लगे हैं। लेकिन ये जैमर मोबाइल कनेक्टिविटी को बंद करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं।